नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) दिल्ली में अत्यधिक पीयूबीजी (पबजी) गेम खेलने के कारण एक किशोर की रीढ़ की हड्डी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई जिससे वह आंशिक रूप से पक्षाघात का शिकार हो गया। किशोर का यहां एक निजी अस्पताल में गहन सर्जरी की गई।
मरीज को चलने और पेशाब में कठिनाई का अनुभव होने के बाद अस्पताल लाया गया था। बताया जाता है कि वह अपने कमरे में लगभग एक साल तक अलग-थलग रहा था और प्रतिदिन 12 घंटे तक वीडियो गेम खेलता था।
नयी दिल्ली स्थित ‘भारतीय स्पाइनल इंजरी सेंटर’ (आईएसआईसी) के एक बयान के अनुसार, अत्यधिक गेमिंग के कारण रीढ़ की हड्डी में गंभीर ‘काइफो-स्कोलियोटिक’ विकृति उत्पन्न हो गई।
आईएसआईसी में रीढ़ की हड्डी से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रमुख डॉ. विकास टंडन ने कहा, ‘‘यह दोहरी जटिलता स्पाइनल टीबी की खराब स्थिति और गेमिंग की लत के मनोवैज्ञानिक प्रभाव के कारण उत्पन्न हुई जो चुनौतीपूर्ण मामला था। रीढ़ की हड्डी में गंभीर विकृति आ गई थी, कॉर्ड दब गया था और स्थायी रूप से विकलांग होने का खतरा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम किशोरों में ‘मस्कुलोस्केलेटल’ जटिलताओं की परेशान करने वाली प्रवृत्ति देख रहे हैं, विशेष रूप से लंबे समय तक स्क्रीन के संपर्क में रहने और गेमिंग से जुड़ी आदतों के कारण।’’
अस्पताल के अनुसार, लड़का शारीरिक गतिविधियों में कमी के साथ-साथ सामाजिक अलगाव सहित कई तरह की समस्याओं से पीड़ित था जो उसके लंबे समय तक अकेले रहने और गेमिंग की लत से जुड़े थे।
बयान के अनुसार दीर्घकालिक विकलांगता को रोकने के लिए उन्नत ‘स्पाइनल नेविगेशन’ तकनीक का उपयोग कर उसकी सर्जरी की गई।
अस्पताल ने कहा कि सर्जरी सफल रही और मरीज की स्थिति में सुधार हो रहा है।
भाषा संतोष अविनाश
अविनाश
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