नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने उस शख्स को सोमवार को आरोप मुक्त कर दिया जिसपर उत्तरी पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों के दौरान एक पुलिसकर्मी पर कथित रूप से पिस्तौल तानने वाले शाहरुख पठान को हथियार बेचने का इल्ज़ाम था।
अदालत ने कहा कि बाबू वसीम के खिलाफ यह मामला अनुमान और अटकलों पर आधारित है न कि वास्तविक सामग्री या सबूतों पर।
अदालत ने यह भी कहा कि पठान का बयान कानून के तहत स्वीकार्य नहीं है।
पुलिस के मुताबिक, पठान ने 24 फरवरी 2020 को दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर पिस्तौल तान दी थी। घटना के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पठान फरार हो गया था और उसे तीन मार्च 2020 को उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार किया था।
अभियोजन ने पहले बताया था कि पठान ने खुलासा किया था कि उनसे दिसंबर 2019 में 35 हजार रुपये में पिस्तौल और 20 गोलियां बाबू वसीम से खरीदी थीं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने सोमवार को कहा कि यह मानने का कोई आधार नहीं है कि वसीम ने सशस्त्र कानून की धारा 25 के तहत कोई अपराध किया है लिहाज़ उसे आरोप मुक्त किया जाता है।
भाषा
नोमान संतोष
संतोष
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