नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) दिल्ली पुलिस ड्रोन के जरिए निर्माणाधीन इमारतों की निगरानी करेगी और जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद उपलब्ध कराने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) का उपयोग करके संरचनात्मक मॉडल तैयार करेगी। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जनकारी दी।
अधिकारियों के अनुसार, एआई-संचालित प्रणाली न केवल संरचनात्मक कमजोरियों पर कड़ी नजर रखेगी, बल्कि आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया भी देगी, जिससे लोगों की जान बच सकेगी और आपदाओं को रोका जा सकेगा।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे संवेदनशील क्षेत्रों की अतिरिक्त निगरानी के लिए समय-समय पर ड्रोन का उपयोग करते हैं, लेकिन वे यह जांचने के लिए भी ड्रोन का उपयोग करेंगे कि क्या कोई व्यक्ति अनुमत सीमा से अतिरिक्त अपने आवासीय या व्यावसायिक ढांचे का निर्माण कर रहा है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘ड्रोन फुटेज का उपयोग कर विशेषज्ञ एक एआई-आधारित संरचना तैयार करेंगे, जो संभावित दुर्घटनाओं, क्षेत्र की स्पष्ट रुपरेखा और किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों में सहायता प्रदान करने के तरीके के बारे में जानकारी प्रदान करेगी।’
शहर के मुस्तफाबाद इलाके में शनिवार सुबह दो दशक पुरानी चार मंजिला इमारत ढह गई, जिसमें तीन बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में 11 लोग घायल भी हुए। इमारत के भूतल पर चार दुकानें थीं।
उन्होंने कहा, ‘यह पता चला है कि इमारत ढहने का कारण शुक्रवार को दो दुकानों के बीच एक खंभा गिराना था, ताकि तीसरी दुकान के लिए जगह बनाई जा सके। 20 साल पुरानी इमारत को सहारा देने में यह खंभा अहम था।’
अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार रात करीब 11 बजे घर में लगे लोगों को लगा कि इमारत हिल रही है, लेकिन उन्होंने इसे मामूली भूकंप समझकर ध्यान नहीं दिया।
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि यही एआई-आधारित डेटा विभिन्न एजेंसियों के साथ भी साझा किया जाएगा जो इमारत ढहने की घटना की जांच कर रही हैं और यह डेटा अन्य एजेंसियों के लिए आवश्यक कार्रवाई करने में सहायक होगा।
चंदर विहार इलाके में11 अप्रैल को आंधी के बाद पांच मंजिला इमारत की छत से निर्माण सामग्री गिरने से 67 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के वक्त कथित रूप से छठी मंजिल का निर्माण किया जा रहा था।
भाषा नोमान रंजन
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