नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) दिल्ली नगर निगम ने अनधिकृत कॉलोनियों में अवैध रूप से बनी ऊंची इमारतों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है और शहर के उत्तरपूर्वी हिस्से में एक इमारत गिरने के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
शनिवार तड़के शक्ति विहार में दो दशक पुरानी चार मंजिला इमारत ढहने से तीन बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में 11 लोग घायल भी हुए हैं।
यह एक ऐसे इलाके में स्थित था जो एक अनधिकृत कॉलोनी का हिस्सा था।
नगर निकाय ने एक बयान में कहा, ‘विचारणीय मुद्दा यह है कि इतने बड़े पैमाने पर अनधिकृत निर्माण कैसे शुरू हो गए।’ साथ ही कहा कि इस मामले में विस्तृत जांच की आवश्यकता है।
नगर निकाय ने कहा कि वह ढही हुई इमारत से सटी एक संपत्ति को गिरा देगा, जिसे आगे के खतरों से बचने के लिए पहले ही ध्वस्तीकरण के लिए चिह्नित किया जा चुका है।
इमारत ढहने के बाद सामने आए नियमों के उल्लंघन के आरोपों के जवाब में, नगर निगम ने इलाके में इसी तरह की खतरनाक संरचनाओं की पहचान करने और उन्हें सील करने के लिए सर्वेक्षण शुरू किया। अब तक कार्रवाई के लिए 15 संपत्तियों की पहचान की गई है।
नगर निगम ने लापरवाही बरतने के दोषी अपने कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू की है।
अधिकारियों ने बताया कि एक जूनियर इंजीनियर को सेवा से हटा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि तीन और अधिकारियों के खिलाफ बर्खास्तगी या अनिवार्य सेवानिवृत्ति सहित कार्रवाई की गई है। एक अन्य जूनियर इंजीनियर को निष्पक्ष जांच के लिए दूसरे विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया है। उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
एमसीडी ने जोर देकर कहा कि नेहरू विहार और इसी तरह के घनी आबादी वाले इलाकों में सर्वेक्षण जारी रहेगा ताकि पांच या अधिक मंजिलों वाली उन इमारतों की पहचान की जा सके जिनकी संरचनात्मक अखंडता संदिग्ध बनी हुई है।
भाषा
शुभम नरेश
नरेश
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