नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने रविवार को अपना वह फैसला वापस ले लिया, जिसमें 10 से 49 बिस्तरों की क्षमता वाले सभी छोटे एवं मध्यम मल्टी स्पेशिएलिटी नर्सिंग होम को ‘कोविड-19 नर्सिंग होम’ घोषित किया था. सरकार ने शनिवार को यह आदेश जारी किया था.
दिल्ली चिकित्सा संघ ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा था कि इस फैसले से गैर-कोविड मरीजों के इलाज में परेशानी आएगी, जिसके बाद शनिवार को जारी किए आदेश को रविवार को वापस ले लिया गया.
नए आदेश के मुताबिक, नर्सिंग होम को ‘कोविड-19 नर्सिंग होम’ घोषित किए जाने के फैसले को अब ‘तत्काल प्रभाव से वापस लिया गया है.’
शनिवार के आदेश के मुताबिक, विशेष रूप से आंख, नाक, कान एवं गले (ईएनटी) का इलाज करने वाले केंद्रों, डायलिसिस केंद्रों, प्रसूति गृहों और आईवीएफ केंद्रों को ही इससे फिलहाल छूट दी गई थी.
इससे पहले रविवार को दिन में केजरीवाल ने हिंदी में ट्वीट किया, दिल्ली सरकार के इस निर्णय से 5,000 से अधिक बिस्तर कोरोना वायरस के मरीजों के लिए उपलब्ध हो जाएंगे. अगले कुछ दिनों में हमारे अधिकारी हर नर्सिंग होम के मालिक से बात करके उनकी समस्याओं को भी दूर करेंगे.’
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के संदिग्ध मामलों में शव परिजनों को सौंपने के दिशा-निर्देशों में राहत दी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के संदिग्ध मामलों में जान गंवाने वाले लोगों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजनों को सौंपने को लेकर तय दिशा-निर्देशों में रविवार को राहत दी. अब ऐसे मामलों में शव लेने के लिए परिजनों को प्रयोगशाला के नतीजों की पुष्टि का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
मंत्रालय ने रविवार को दिल्ली सरकार को लिखा कि कोविड-19 के संदिग्ध मामलों में शव को प्रयोगशाला के नतीजे का इंतजार किए बिना परिजनों को सौंप दिया जाना चाहिए लेकिन शव को सरकार की ओर से तय दिशा-निर्देशों के तहत ही रखा जाना चाहिए.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने ट्वीट के जरिए भी इस बाबत लोगों को सूचित किया.
दिल्ली में छह दिन के भीतर कोविड-19 के 10,000 से अधिक मामले
दिल्ली में छह दिन के भीतर कोरोना वायरस के दस हजार से अधिक नए मामले सामने आए और कुल संक्रमित लोगों की संख्या 40,000 के पार पहुंच गई. इस लिहाज से यहां प्रतिदिन औसतन 1,600 से अधिक नए मामले सामने आए.
दिल्ली सरकार के आंकड़ों के विश्लेषण में यह तथ्य सामने आया.
संक्रमण के मामले 20,000 से 30,000 तक पहुंचने में आठ दिन लगे जबकि 10,000 से 20,000 तक पहुंचने में 13 दिन लगे थे.
नौ जून को संक्रमण के मामले 30,000 के पार पहुंच गए थे और 14 जून को कुल मामले 40,000 से अधिक हो गए.
रविवार को दिल्ली में 2,224 नए मामले सामने आए जो एक दिन में यहां आए सर्वाधिक नए मामले हैं. इनके साथ रविवार को संक्रमण के कुल 41,000 मामले हो गए तथा मृतक संख्या 1,327 पर पहुंच गई.
दिल्ली सरकार ने कहा है कि जुलाई माह के अंत तक दिल्ली में संक्रमण के 5.5 लाख मामले हो सकते हैं.