नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में हुए जघन्य श्रद्धा वाकर हत्याकांड जैसा मामला उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में सामने आया है, जहां एक महिला के शव को काट कर अलग-अलग इलाकों में फेंक दिया गया.
आजमगढ़ पुलिस की मानें तो अहरौला थाना क्षेत्र के पश्चिम पट्टी गांव से मृतक आराधना प्रजापति का शव बरामद कर मामले के मुख्य आरोपी प्रिंस यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस के बयान के अनुसार, मृतक के शरीर के हिस्सों को दो अलग-अलग जगहों से बरामद किया गया है. इसमें खोपड़ी एक तालाब में मिली है वहीं 6 किमी की दूरी पर स्थित एक कुएं से शेष शरीर बरामद किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, कथित हत्या 10 नवंबर को हुई थी, जबकि मृतक का शव 15 नवंबर को कुएं में मिला था.
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क्या है मामला
पुलिस के बयान के मुताबिक, मृतक महिला के परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि वह 10 नवंबर से लापता है. 15 नवंबर को स्थानीय पुलिस को एक महिला के शरीर के अंग कुएं से मिले थे जिसका सिर गायब था.
जब पुलिस ने परिवार से संपर्क किया तो उन्होंने आंशिक रूप से मृतक की पहचान की पुष्टि की, लेकिन खोपड़ी गायब होने के कारण उन्हें यकीन नहीं हो रहा था.
पुलिस के अनुसार, इसके बाद 19 नवंबर को पुलिस ने प्रिंस यादव नाम के एक शख्स को हिरासत में लिया, जो मृत लड़की का पूर्व प्रेमी था.
पुलिस के मुताबिक, पूछताछ के बाद प्रिंस ने अपना अपराध कबूल कर लिया. पुलिस बाद को अपराध स्थल पर ले गई. जहां उसने कुएं से लगभग छह किलोमीटर दूर एक तालाब से मृत महिला का सिर बरामद किया.
पुलिस के मुताबिक, प्रिंस को रविवार को एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था. दरअसल वो तालाब वाले घटनास्थल से फरार होने की कोशिश कर रहा था. पुलिस के अनुसार घटना का एक अन्य आरोपी प्रिंस का चचेरा भाई सर्वेश यादव फरार है.
पुलिस के मुताबिक, महिला को मारने की साजिश को अंजाम देने में या दोषियों को शरण देने के लिए कुल नौ लोग अपराध में शामिल रहे हैं.
आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने कहा, ’16 नवंबर को एक कुएं में अज्ञात महिला का शव मिला था. सिर गायब था और शरीर के बाकी हिस्से गायब थे. पुलिस के लिए यह एक चुनौती थी. मामले को सुलझाने के लिए पुलिस की 5 टीमें काम पर लगी थीं. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले के मुख्य आरोपी प्रिंस यादव को आज पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया है. उसके दाहिने पैर में गोली लगी है. उसके पास से अवैध हथियार बरामद किए गए हैं.’
अधिकारी ने बताया कि आरोपी का मृतका से दो साल पहले संबंध था. महिला की शादी इसी साल फरवरी में हुई थी जब प्रिंस देश से बाहर गया था. शादी की बात पता चलने पर आरोपी देश लौट आया और महिला की हत्या की साजिश रची.
अधिकारी ने कहा, ‘पूछताछ में पता चला कि उसने मृतका को शादी तोड़ने की धमकी दी और साथ रहने का झांसा भी दिया. उसे अपने रिश्तेदारों से मदद मिली जिसमें उसके मामा पक्ष और उनके माता-पिता भी शामिल थे. जब महिला नहीं मानी तो उसने अपने माता-पिता और सर्वेश के साथ मिलकर उसकी हत्या करने और उसके शव को इस तरह ठिकाने लगाने की योजना बनाई.’
एसपी ने बताया कि प्रिंस ने मंदिर जाने के बहाने उस महिला को बाहर ले जाकर गन्ने के खेत में गला दबा कर हत्या कर दी.
उन्होंने कहा, ‘उसने 10 नवंबर को महिला को बुलाया और मंदिर जाने के नाम पर उसके साथ घूमा और अपने मायके के खेत में ले जाकर उसकी गला दबा कर हत्या कर दी. शव को ठिकाने लगाने के लिए उसने सर्वेश यादव के साथ मिलकर लकड़ी पर रखकर उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए. उसने बाकी हिस्सों को कुएं में फेंक दिया और सिर को उसके कपड़ों के साथ तालाब में फेंक दिया.’
आर्य ने बताया कि मृतक के कपड़े व अन्य साक्ष्य बरामद कर लिए गए हैं.
उन्होंने बताया, ‘घटना से संबंधित सभी सबूत जमा कर लिए गए है. जिस लकड़ी के लट्ठे पर घटना को अंजाम दिया गया उसे बरामद कर लिया गया है. कुल नौ आरोपी हैं, जिनमें से एक प्रिंस यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है. दूसरा आरोपी प्रिंस के चाचा का बेटा सर्वेश यादव फरार है. उसपर 25 हजार रुपए के पुरस्कार की भी घोषणा की गई है.’
अधिकारी ने कहा कि घटना के अन्य आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
परिवार ने क्या कुछ कहा
मृतक के परिवार ने पुष्टि की कि बरामद किए गए कपड़े और अन्य सामग्री आराधना की हैं.
मृतक के भाई सुनील प्रजापति ने बताया कि उसकी बहन दो-तीन दिन पहले घर से बाहर जाती थी, लेकिन करीब एक हफ्ते तक नहीं लौटी जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई.
उन्होंने बताया, ‘पहले दो-तीन दिन के लिए जाती थी लेकिन वह लौट आती थी. इस बार करीब एक सप्ताह बीत जाने के बाद वह वापस नहीं लौटी. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. जो खोपड़ी बरामद हुई है वह मेरी बहन की है. उसके कपड़े और चप्पलें भी बरामद कर ली गईं हैं.’
आराधना के पिता केदार प्रजापति ने कहा, ‘प्रिंस यादव ने उसे फोन किया था और दोपहर 12 बजे अपने साथ आने को कहा था. वह उसे अपने गाड़ी में बैठाकर ले गया था.’
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