नई दिल्लीः उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को उसकी बहन की शादी के लिए एक सप्ताह की अंतरिम जमानत की अर्जी मंजूर करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने उसे निर्देश दिया कि जमानत अवधि में वह मीडिया से बातचीत या साक्षात्कार नहीं कर सकता.
खालिद को सोमवार को अंतरिम जमानत देते हुए अदालत ने कई शर्तें भी लगाईं.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता खालिद ने अपनी बहन की शादी के लिए दो हफ्ते – 20 दिसंबर से तीन जनवरी की अवधि तक अंतरिम ज़मानत के वास्ते अर्जी दायर की थी.
खालिद पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानों के तहत फरवरी 2020 में दिल्ली दंगों का कथित रूप से मुख्य षड्यंत्रकारी होने का मामला दर्ज किया गया था. इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत का विस्तृत आदेश मंगलवार को उपलब्ध हुआ.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, ‘आरोपी की सगी छोटी बहन की शादी को देखते हुए, यह अदालत शादी से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत देने की इच्छुक है. अभियोजन की आशंकाओं के संबंध में, जमानत में शर्तें शामिल कर उनका ध्यान रखा जा सकता है.’
अदालत ने खालिद को ‘सोशल मीडिया सहित किसी भी मीडिया संस्थान’ से बात करने या कोई साक्षात्कार नहीं देने का निर्देश दिया.
इसके अलावा, अदालत ने खालिद को रोजाना वीडियो कॉल के माध्यम से जांच अधिकारी (आईओ) से संपर्क करने का भी निर्देश दिया.
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