नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी को राज्य के गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में अंतरिम जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास में रहने का निर्देश दिया और कहा कि उन्हें मऊ में अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने से पहले प्राधिकारियों से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
पीठ ने अंसारी से कहा कि वह अदालत की पूर्व अनुमति के बिना उत्तर प्रदेश न छोड़ें और अदालतों में पेश होने से एक दिन पहले पुलिस अधिकारियों को सूचित करें।
शीर्ष अदालत ने पुलिस से अंसारी से संबंधित जमानत शर्तों के अनुपालन पर छह सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट देने को कहा।
अंसारी को अन्य आपराधिक मामले में 4 नवंबर 2022 को हिरासत में लिया गया था, लेकिन 6 सितंबर 2024 को गैंगस्टर अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया।
पीठ ने कहा कि उन्हें गैंगस्टर अधिनियम के मामले को छोड़कर सभी आपराधिक मामलों में जमानत दी गई है।
पिछले साल 18 दिसंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
अंसारी, नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के खिलाफ उप्र गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 की धारा 2, 3 के तहत चित्रकूट जिले के कोतवाली कर्वी थाने में 31 अगस्त, 2024 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन पर जबरन वसूली और मारपीट का आरोप था।
अंसारी मऊ निर्वाचन क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक हैं।
भाषा नेत्रपाल माधव
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