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Monday, 22 September, 2025
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कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर अरुणाचल मुद्दे की अनदेखी का आरोप लगाया

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ईटानगर, 22 सितंबर (भाषा) कांग्रेस की अरुणाचल प्रदेश इकाई ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि उन्होंने यहां अपनी रैली का इस्तेमाल राज्य की बेरोजगारी और खराब स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे जैसी ज्वलंत समस्याओं को दूर करने के बजाय विपक्षी पार्टी पर हमला करने तथा खुद की प्रशंसा करने के लिए किया।

कांग्रस ने आरोप लगाया कि मोदी ने आधिकारिक कार्यक्रम को ‘भाजपा के चुनाव अभियान कार्यक्रम’ में बदल दिया।

पार्टी ने पूर्वोत्तर राज्य में कांग्रेस शासन के दौरान हुए विकास पर भी प्रकाश डाला जहां अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार है।

इससे पहले ईटानगर के इंदिरा गांधी पार्क में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि किसी भी कठिन विकास कार्य को छोड़ देना कांग्रेस की पुरानी आदत है और इससे पूर्वोत्तर को काफी नुकसान हुआ है।

राज्य में 5,100 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह जानते थे कि इस क्षेत्र का विकास दिल्ली से नहीं किया जा सकता, इसलिए उन्होंने अपने मंत्रियों और अधिकारियों को लगातार इस क्षेत्र में भेजा और वह स्वयं यहां 70 से अधिक बार आ चुके हैं।

कांग्रेस ने एक बयान में आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने बेरोजगारी, बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा सुविधाओं, बाढ़ नियंत्रण, आपदा प्रबंधन और बार-बार चीनी घुसपैठ को ‘पूरी तरह से नजरअंदाज’ कर दिया जबकि उन्होंने एक आधिकारिक कार्यक्रम को ‘भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान कार्यक्रम’ में बदल दिया।

अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दावा किया कि जनता के करोड़ों रुपये रैली पर खर्च कर दिए गए, राज्य कर्मचारियों को रैली में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया और मैदान को भरने के लिए हजारों दिहाड़ी मजदूरों को काम पर रखा गया।

पार्टी ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश असम चुनाव के लिए मंच नहीं है।’’ पार्टी ने भाजपा पर सरकारी मशीनरी और जनता के धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

अरुणाचल के राजनीतिक और विकासात्मक इतिहास को याद करते हुए विपक्षी दल ने जोर देकर कहा कि राज्य की पहचान, बुनियादी ढांचा और लोकतांत्रिक संस्थान यहां कांग्रेस की लगातार सरकारों के कार्यकाल में ही बने हैं और इसकी शुरुआत ‘नेफा’ के दौर से हुई थी।

अरुणाचल प्रदेश को 1972 तक उत्तर-पूर्व सीमांत एजेंसी (नेफा) के नाम से जाना जाता था।

कांग्रेस ने रेखांकित किया कि जवाहरलाल नेहरू ने नेफा की स्थापना की और जनजातीय कल्याण तथा सीमांत अवसंरचना की नींव रखी; इंदिरा गांधी ने 1972 में इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया, विधानसभा और लोक सेवा आयोग का गठन किया तथा स्वास्थ्य, शिक्षा और संपर्क का विस्तार किया। पार्टी ने कहा कि राजीव गांधी ने 1987 में अरुणाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा देकर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया।

भाषा यासिर अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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