भोपाल : मध्य प्रदेश में इस वर्ष के शुरुआती तीन महीनों (जनवरी से मार्च) में लगभग 78,000 बच्चे कुपोषित पाए गए. यह जानकारी राज्य सरकार ने बुधवार को विधानसभा में दी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.
कुपोषित बच्चे संतुलित आहार या भोजन की कमी के कारण कमजोर हो जाते हैं. इससे बच्चों की लंबाई सामान्य तरीके से नहीं बढ़ा पाती और उनका वजन भी कम रहता है.
भिंड जिले के लहार से कांग्रेस विधायक सिंह ने सरकार से सवाल पूछा था कि क्या इस साल के पहले तीन महीनों में लगभग 78,000 कुपोषित बच्चे पाए गए?
सिंह ने अटल बिहारी वाजपेयी बाल स्वास्थ्य एवं पोषण मिशन के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कुल आंकड़ों में 21,631 बच्चे अति कुपोषित हैं.
सरकार के लिखित जवाब के अनुसार, राज्य के इंदौर संभाग में सबसे अधिक 22,721 कुपोषित बच्चे पाये गए. इस संभाग में अलीराजपुर और झाबुआ के आदिवासी बहुल जिले शामिल हैं.
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