नई दिल्ली: पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पंकज सरन ने रविवार को कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान चीन से निपटना देश के लिए एक ‘चुनौती’ होगी और वह पड़ोसी देश के प्रति ‘सतर्क दृष्टिकोण’ अपनाकर उसके शब्दों से नहीं, बल्कि कार्यों से उसका आकलन करेगा.
सरन ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत यह उम्मीद करेगा कि चीन उसे एक उभरती शक्ति के रूप में पहचाने और उसके साथ समान शर्तों पर व्यवहार करे.
उन्होंने कहा कि भारत की आगामी जी20 अध्यक्षता के दौरान ऐसी आर्थिक व्यवस्था को बहाल करना उसकी शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए, जो स्थिरता प्रदान करे और उसके जैसी अर्थव्यवस्था के विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाए.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (एनएसएबी) के सदस्य सरन ने कहा कि भारत को ऐसी वैश्विक व्यवस्था बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसमें विवेक दिखाई दे.
सरन ने कहा कि भारत की अध्यक्षता के दौरान विकासशील देशों के लिए ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा एवं जलवायु सुरक्षा जैसे चिंताजनक मुद्दों से निपटना अहम प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत यह देखेगा कि उसकी आवाज और परिप्रेक्ष्य को जी 20 में कैसे शामिल किया जा सकता है.
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा था कि जी20 की अध्यक्षता को मणिपुर सहित देश भर में विभिन्न स्थानों पर मनाया जाएगा.
उन्होंने मणिपुर की राजधानी इंफाल में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह भारत को विश्व से रूबरू कराने के लिए सरकार के पास एक अवसर है.
जयशंकर ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि (जी20 की) यह अध्यक्षता मनाई जाए और इसमें पूरा देश भाग ले. मणिपुर सहित कई राज्य और शहर जी20 से जुड़े कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे.’
भारत पहली बार एक दिसंबर से जी20 समूह की अध्यक्षता करने जा रहा है.
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