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Sunday, 6 October, 2024
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छत्तीसगढ़ के निजी अस्पताल कोरोना के इलाज के लिए ऐंठ रहे थे ज्यादा रकम, बघेल सरकार ने तय किए रेट

रायपुर के स्थानीय कांग्रेस विधायक और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव और मुख्यमंत्री भपेश बघेल से कई अस्पतालों के खिलाफ की थी शिकायत.

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रायपुर: छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने कोविड के इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाई है. इनके खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों के बाद सरकार ने अब राज्य में कोरोना के इलाज का रेट तय कर दिया है. प्रदेश के निजी अस्पताल अब कोरोना मरीजों से अधिकतम 17 हजार रुपए प्रतिदिन की दर से चार्ज कर सकते हैं.

प्रदेश सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज दर का निर्धारण शानिवर को एक आदेश के बाद कर दिया. मरीजों की परेशानी को देखते हुए रायपुर के स्थानीय कांग्रेस विधायक और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव और मुख्यमंत्री भपेश बघेल से कई अस्पतालों के खिलाफ शिकायत की. उपाध्याय की शिकायत के बाद राज्य सरकार ने इस सबंध में रविवार को आदेश जारी कर दिया.

दिप्रिंट से बात करते हुए कांग्रेस विधायक ने बताया, ‘निजी अस्पतालों प्रदेश भर में कोरोना के इलाज के नाम पर मनमानी कर रहे थे. मरीजों से 20 हजार से लेकर 20 लाख रुपए तक की मांग की गई थी. मरीज इलाज के लिए अपने घर के सामान और जेवर तक गिरवी रख रहे थे लेकिन निजी अस्पतालों ने उन पर कोई रहम नही दिखाया. इन अस्पताल प्रबंधनों में मानवीयता भी कहीं नही दिखी. मेरे स्वयं के पास अनेक शिकायतें आई थीं जिसकी मैंने अपने ही स्तर पर जांच कराई और सही पाया था.’


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सरकार के निर्णय का मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को धन्यवाद देते हुए उपाधयाय ने आगे कहा, ‘मरीजों को यह भी नही पता होता था कि उनसे किस बात का चार्ज लिया जा रहा है. उनको पता नहीं होता था की आइसोलेशन, वेंटिलेटर या फिर दवाइयों के इलाज का क्या रेट है. कई मामलों में तो निजी अस्पतालों द्वारा इलाज से संबंधित कोई डॉक्युमेंट भी नहीं दिए गए. सरकार द्वारा इसमें हस्तक्षेप आवश्यक हो गया था.’

इलाज का रेट तय करने के लिए निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुपरस्पेशियालिटी सुविधाओं के आधार पर सरकार द्वारा इन्हें ए, बी और सी तीन श्रेणियों में बांटा गया है. सभी 28 जिलों को इन्हीं श्रेणियों में बांटा गया है. ए श्रेणी में 6 जिले, बी में 8 और शेष 14 जिलों को तीसरी श्रेणी में रखा गया है.

आदेशानुसार ए श्रेणी वाले जिलों के एन नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल्स (एन.ए.बी.एच) की मान्यता वाले अस्पतालों में मॉडरेट स्थिति के मरीजों के इलाज में 6200 रुपए प्रतिदिन शुल्क निर्धारित किया गया है. इसमें अस्पताल द्वारा मरीज को सर्पोर्टिव केयर आइसोलेशन बेड के साथ ऑक्सीजन एवं पीपीई किट उपलब्ध कराई जाएगी. गंभीर स्थिति वाले मरीजों के लिए सरकार ने 12 हजार रुपए प्रतिदिन का शुल्क निर्धारित किया है. इसमें वेंटिलेटर केयर के बिना आईसीयू और पीपीई किट शामिल है.

अति गंभीर मरीजों के लिए 17 हजार रुपए प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है जिसमें वेंटिलेटर केयर के साथ आईसीयू एवं पीपीई किट भी शामिल है. दूसरी तरफ जो अस्पताल एनएबीएच से मान्यता प्राप्त नही हैं ऐसे में मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 6200, 10,000 और 14 हजार रुपए शुल्क क्रमशः निर्धारित किया गया है.

निजी अस्पतालों को कोविड उपचार की अनुमति देने में आई तेजी

कोरोना की इलाज दर निर्धारण के साथ ही राज्य में तेजी से बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने अब निजी अस्पतालों को उपचार की अनुमति जल्द देना शुरू कर रही है. दिप्रिंट से बात करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सर्विलांस प्रोग्राम कोविड-19 के राज्य नोडल अधिकारी डॉक्टर डी गवई ने बताया, ‘प्रदेश में कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसके चलते इलाज के लिए बड़े पैमाने पर व्यवस्था की आवश्यकता है. निजी अस्पतालों को इस लड़ाई में शामिल करना आवश्यक हो गया है. वर्तमान में राज्यभर में सिर्फ 17 बड़े निजी अस्पतालों को कोरोना के इलाज की अनुमति मिली है. लेकिन यह सुविधा अन्य अस्पतालों तक जल्द बढ़ाई जाएगी. जो अस्पताल आईसीएमआर, केंद्र और राज्य सरकार के निर्धारित शर्तों को पूरा कर रहें हैं उनको अनुमति देने में कोई देरी नही की जाएगी.’

विभाग के सूत्रों के अनुसार प्रदेश में जिस गति से कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़ रही है उससे सरकार के अंदर एक पैनिक बढ़ रहा है. यही कारण है कि निजी अस्पतालों को कोरोना के इलाज की अनुमति देने की गति बढ़ाई गई है. सरकार के अपने ही आंकड़ों के अनुसार पिछले 15-20 दिनों से राज्य में एक हजार से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस रोज़ाना पाए गए हैं. एक निजी अस्पताल के डॉक्टर के अनुसार, ‘सरकार के हाथ-पांव फूल गए हैं. अब सरकार निजी हॉस्पिटल्स को कोरोना उपचार की अनुमति कुछ घंटों में ही दे रही है.’


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