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Thursday, 2 May, 2024
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छत्तीसगढ़ सरकार ने जारी किया आदेश- सर्दी, खांसी के सभी मरीजों की कोविड जांच अनिवार्य

सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को निर्देश दिया है कि सर्दी-खांसी के मरीजों की कोविड जांच की अनिवार्य रूप से की जाए.

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रायपुर : कोरोना मरीजों का देरी से पता लगना और कोमार्बिडीटी से हो रही मौतों के कारण छत्तीसगढ़ सरकार ने अब सर्दी खांसी और बुखार के सामान्य मरीजों का कोरोना जांच अनिवार्य कर दिया है. जांच नही कराने पर ऐसे मरीजों के खिलाफ कार्यवाई हो सकती है.

सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को निर्देश दिया है कि सर्दी-खांसी के मरीजों की कोविड जांच की अनिवार्य रूप से किया जाए. सर्दी खांसी बुखार के जो मरीज कोरोना जांच नही कराते. उनके खिलाफ वैद्यानिक कार्रवाई भी की जा सकती है. हालांकि कार्रवाई की बात आदेश में नहीं है. लेकिन बताया जा रहा है कि यह आर्थिक दंड से लेकर दूसरों की जान को खतरे में डालने जैसे आरोप हो सकते हैं. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई नागरिकों के लिए कोरोना से बचाव से संबंधित पूर्व में जारी निर्देशों का पालन नहीं करने पर किया जाएगा.

इस संबंध में दिप्रिंट से बात करते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया कि, ‘सरकार की प्राथमिकता कोरोना पॉजिटिव मरीजों की समय पर पहचान और उनक इलाज करवाना है. इसके लिए एक मापदंड तय करना आवश्यक था, क्योंकि रैंडम जांच हमेशा नहीं की जा सकती है. इसलिए सर्दी खांसी और बुखार के सभी मरीजों का कोविड-19 जांच अनिवार्य कर दिया गया है. कोरोना मरीजों की पहचान में तेजी लाने का यही एक मजबूत तरीका है क्योंकि इसके सामान्य लक्षण भी यही हैं.’


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टी एस सिंहदेव ने बताया कि इन मरीजों द्वारा कोरोना जांच न कराने पर वैधानिक कार्रवाई की बात का संबंध आदेश से नहीं है. लेकिन यदि मरीज के संक्रमित होने का कारण उसकी लापरवाही बनती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, ‘कोविड पॉजिटिव मरीज स्वयं में कैरियर होते हैं. यदि वे बचाव के सामान्य निर्देशों का पालन नहीं करते तो दूसरों की जिंदगी भी खतरे में डालते है. ऐसे में कोरोना संक्रमण से वचाव के लिए सरकार द्वारा समय समय पर जारी किये गए दिशा निर्देषों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जा सकती है. हालंकि मंत्री ने यह साफ किया कि वैधानिक कार्रवाई की बात सरकार के इस आदेश में नहीं है.

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टीएस सिंह देव कहते हैं कि, ‘प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की कुल 115 मौतें हुई हैं जिनमें 80 प्रतिशत कोमोर्बिडिटी के कारण हुईं हैं. प्रदेश के 28 में से 14 जिले ऐसे हैं, जहां एक भी मौत नहीं हुई. लेकिन 80 मौतें 4 जिले रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और राजनांदगांव में हुई हैं. बांकी अन्य 10 जिलों में हुई. ट्रीटमेंट की सुविधाएं बढ़ाने पर मुख्य फोकस इन्ही चार जिलों में है.’

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार सर्दी खांसी की शिकायत वाले मरीजों की जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों को 3 घंटे के भीतर कोविड केयर अस्पताल में भर्ती करना अनिवार्य होगी. इसकी जिम्मेदारी स्थानीय जिला चिकित्सालय के अधिकारियों को दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों तक मरीजों को इस दिशा में जांच कराने के लिए जागरूक और आग्रह भी किया जाएगा और फिर इन नतीजों के आधार पर अनिवार्यता का कड़ाई से पालन किया जाएगा.

मरने वालों की बढ़ती संख्या और देरी से संक्रमितों की पहचान मुख्य कारण

बता दें की सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम के पीछे विगत कुछ दिनों में कोरोना पॉजिटिव संक्रमितों की बढ़ती मौतें एक प्रमुख कारण हैं. हालांकि, ज्यादातर मौतें कोमोर्बिडीटी से हुई हैं. लेकिन विभाग की कोविड-19 संबंधित एक समीक्षा बैठक में मंत्री और स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक सिंह को बताया गया की कोमोर्बिडिटी के अलावा मरीजों को कोविड अस्पताल पहुंचाते में देरी भी बढ़ती मौतों की मुख्य वजह है. अन्य बीमारियों से पीड़ित कोरोना संक्रमित की पहचान में देरी और फिर गंभीर हालात में एम्स रायपुर या दूसरे कोविड अस्पताल के लिए रेफर किए जाने से ऐसे मरीजों की बचने की उम्मीद कम देखी गई है. इस देरी को कम करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है.

प्रदेश में कुल पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 14,000 से ज्यादा हो गया है जिनमें 4200 के करीब एक्टिव हैं. कुल मौतों में 70 प्रतिशत से अधिक अगस्त में हुई हैं.

डेली टेस्ट की संख्या होगी 12000, बढ़ेंगे मरीज

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे बताया कि प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या काफी बढ़ सकती है. उनके अनुसार, ‘वर्तमान में प्रदेश में डेली 7000 सैंपल रोजाना टेस्ट किए जा रहे हैं, जिसे बढ़कर जल्द 12000 किया जाएगा. इससे मरीजों की संख्या स्वाभाविक रूप से बढ़ेगी. हमारे पास कोविड केयर यूनिट्स की संख्या पर्याप्त है. लेकिन केसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आईसीयू की कमी महसूस की जा रही है. लेकिन हम यह संख्या वर्तमान में 500 से बढ़ाकर 2000 आने वाले 2-3 दिनों में करेंगे. वही कोविड केयर बेड्स की तादात वर्तमान में 10,000 से जल्द 20,000 हो जाएगी.

वहीं, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने ट्वीट किया कि कोविड से जंग जारी है और इसे हल्के में लेना अनिश्चित चुनौतियां खड़ी कर सकता है केंद्र सरकार का अनुमान है कि छत्तीसगढ़ में अगस्त तक कोरोना की संख्या 63000 हो सकती है, वहीं हम अपनी जागरूकता और तैयारियों के माध्यम से इस संख्या को 23 हज़ार के पार न जाने देने का पूरा प्रयास करेंगे.

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