scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमदेशमौत की सजा पाने वाले मुजरिमों को सात दिन में फांसी देने के लिये केंद्र पहुंचा न्यायालय

मौत की सजा पाने वाले मुजरिमों को सात दिन में फांसी देने के लिये केंद्र पहुंचा न्यायालय

गृह मंत्रालय ने इस याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया है कि मौत की सजा पाने वाले मुजरिमों की पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद सुधारात्मक याचिका दायर करने की समय सीमा निर्धारित की जाये.

Text Size:

नई दिल्ली : मौत की सजा पाये दोषियों को फांसी दिये जाने के लिये सात दिन की समय सीमा निर्धारित करने का अनुरोध करते हुये केंद्र ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की.

दिसंबर, 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में दोषियों द्वारा पुनर्विचार याचिका, सुधारात्मक याचिका ओर दया याचिकाएं दायर करने की वजह से मौत की सजा के फैसले पर अमल में विलंब के मद्देनजर गृह मंत्रालय की यह याचिका काफी महत्वपूर्ण है.

गृह मंत्रालय ने इस याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया है कि मौत की सजा पाने वाले मुजरिमों की पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद सुधारात्मक याचिका दायर करने की समय सीमा निर्धारित की जाये.

मंत्रालय ने यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि अगर मौत की सजा पाने वाला मुजरिम दया याचिका दायर करना चाहता है तो उसके लिये फांसी दिये जाने संबंधी अदालत का वारंट मिलने की तारीख से सात दिन के भीतर दायर करना अनिवार्य किया जाये.

गृह मंत्रालय ने कहा है कि शीर्ष अदालत को सभी सक्षम अदालतों, राज्य सरकारों और जेल प्राधिकारियों के लिये यह अनिवार्य करना चाहिये कि ऐसे दोषी की दया याचिका अस्वीकार होने के बाद सात दिन के भीतर सजा पर अमल का वारंट जारी करें, चाहें दूसरे सह-मुजरिम की पुनर्विचार याचिका, सुधारात्मक याचिका या दया याचिका लंबित ही क्यों नहीं हो.

शीर्ष अदालत ने निर्भया मामले में मौत की सजा पाये एक दोषी पवन की नयी याचिका 20 जनवरी को खारिज कर दी थी. इस याचिका में दोषी ने दावा किया था कि अपराध के समय 2012 में वह नाबालिग था.

दिल्ली की अदालत ने हाल ही में इस मामले के दोषियों-विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, मुकेश कुमार सिंह और पवन- को एक फरवरी को मृत्यु होने तक फांसी के फंदे पर लटकाने के लिये वारंट जारी किया है. इससे पहले इन दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी लेकिन लंबित याचिकाओं की वजह से ऐसा नहीं हो सका था.

निर्भया के साथ 16 दिसंबर, 2012 की रात में दक्षिण दिल्ली में चलती बस में छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद बुरी तरह जख्मी करके सड़क पर फेंक दिया गया था. निर्भया का बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में निधन हो गया था.

share & View comments