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Monday, 6 May, 2024
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CBI ने जमीन के बदले नौकरी मामले में राबड़ी देवी के बाद अब लालू यादव से पूछताछ शुरू की

चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और मध्य रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में या तो उनके नाम पर या उनके करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया.

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नई दिल्ली : बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से एक दिन पहले पूछताछ के बाद सीबीआई की एक टीम मंगलवार को राजद सांसद मीसा भारती के आवास पर पार्टी प्रमुख और उनके पिता लालू प्रसाद यादव से कथित जमीन के बदले नौकरी मामले में पूछताछ शुरू की है.

यह पूछताछ उनकी बेटी मीसा भारती के आवास पंडारा पारक स्थित आवास पर हो रही है.

मीसा भारती राज्यसभा सदस्य हैं. लालू यादव के परिवार ने कहा कि वे जांच में सहयोग करेंगे. इससे पहले सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा था कि केंद्रीय एजेंसी ने कुछ दिन पहले यादव को नोटिस दिया था और वह जल्द ही लालू यादव से पूछताछ कर सकती है.

सीबीआई के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया, ‘कुछ दिन पहले, सीबीआई ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को नौकरी के बदले जमीन मामले में नोटिस दिया था. सीबीआई जल्द ही लालू यादव से पूछताछ कर सकती है.’

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इससे पहले सोमवार को सीबीआई कथित मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित आवास पर पहुंची थी.

सीबीआई ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती और 13 अन्य के खिलाफ पिछले साल अक्टूबर में चार्जशीट दाखिल की थी.

चार्जशीट में कहा गया है कि जांच के दौरान, यह पाया गया कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और मध्य रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में या तो उनके नाम पर या उनके करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया है.

यह भूमि प्रचलित सर्किल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर अधिग्रहित की गई थी. सीबीआई के बयान के मुताबिक यह भी आरोप लगाया गया था कि उम्मीदवारों ने गलत टीसी का इस्तेमाल किया और रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किए.

कथित घोटाला 2004 और 2009 के बीच हुआ था जब लालू यादव रेल मंत्री थे. चार्जशीट में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख के अलावा तत्कालीन रेलवे महाप्रबंधक का नाम भी शामिल है.

सीबीआई ने कहा कि जांच से पता चला है कि उम्मीदवारों को उनकी नियुक्ति के लिए किसी स्थानापन्न (बदले में) की आवश्यकता के बिना विचार किया गया था.

अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों और संलग्न दस्तावेजों में कई विसंगतियां पायी गई थीं, जिसके कारण आवेदनों नही लिया जाना चाहिये था और उनकी नियुक्ति स्वीकृत नहीं होनी चाहिये थी लेकिन ऐसा किया गया.

इसके अलावा, सीबीआई ने कहा है कि अधिकांश मामलों में, उम्मीदवारों ने बाद की तारीखों में अपने-अपने डिवीजनों में अपनी नौकरी ज्वाइन की, जिससे स्थानापन्न (बदले में) नियुक्ति का उद्देश्य विफल हो गया और कुछ मामलों में, उम्मीदवार जरूरी कटेगरी में अपनी मेडिकल परीक्षा पास नहीं कर सके थे. और बाद में, उन पदों पर विचार किया गया और नियुक्त किया गया, जहां कम से कम मेडिकल कटेगरी जरूरी थी.

हाल ही में 27 फरवरी को सीबीआई की चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कथित जमीन के बदले नौकरी के मामले में लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ समन जारी किया था.


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