नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) केंद्रीय अन्वेष्ण ब्यूरो (सीबीआई) ने असम के दुलियाजान में तैनात ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक उप महाप्रबंधक और एक निजी कंपनी की कार्यकारी को सात लाख रुपये की कथित रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के उप महाप्रबंधक (डीजीएम) प्रयास चक्रवर्ती ने निजी कंपनी के पक्ष में कुछ अनुबंध देने के लिए नोएडा स्थित यूनाइटेड ड्रिलिंग टूल्स लिमिटेड की डीजीएम ज्योति कुमार सिंह से कथित तौर पर रिश्वत मांगी थी।
उन्होंने बताया कि सोमवार को दोनों को गिरफ्तार कर गाजियाबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी लोक सेवक (चक्रवर्ती) ने निजी कंपनी की आरोपी डीजीएम (सिंह) को कुछ अनुबंध दिए जाने के बदले में उससे अपने लिए तथा किसी अन्य अज्ञात लोक सेवक के लिए 70 ग्राम सोने के आभूषणों की मांग की थी।’’
अधिकारियों ने बताया कि सिंह ने आरोपी अधिकारी से कहा कि वह सोने के आभूषणों का इंतजाम नहीं कर सकती और नकद भुगतान करेगी।
एक बयान के अनुसार, ‘यूनाइटेड ड्रिलिंग टूल्स’ के प्रबंध निदेशक (एमडी) कुणाल गुप्ता ने चक्रवर्ती को सात लाख रुपये पहुंचाने की व्यवस्था की। प्राथमिकी में गुप्ता का भी नाम शामिल है।
चक्रवर्ती ने नकदी प्राप्त करने के बाद कथित तौर पर नोएडा की एक दुकान से 3.70 लाख रुपये से अधिक मूल्य के सोने के सिक्के खरीदे और शेष नकदी उसी दिन घर ले गया।
प्रवक्ता ने बयान में कहा, ‘‘सीबीआई ने इसके तुरंत बाद जाल बिछाया और आरोपी लोक सेवक को 3.34 लाख रुपये नकद और सोने की खरीद से संबंधित दस्तावेजों के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया।’’
बयान के अनुसार, ‘‘दिल्ली, नोएडा, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया के विभिन्न स्थानों पर आरोपियों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें सोने के आभूषण (रिश्वत के रूप में प्राप्त), 30 लाख रुपये से अधिक नकद, मोबाइल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।’’
भाषा
प्रीति नरेश
नरेश
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