scorecardresearch
Thursday, 19 December, 2024
होमदेशबिहार में जातिगत जनगणना शुरू, तेजस्वी बोले- 'BJP डरी हुई'; नीतीश ने कहा, 'सरकार पूरी तरह से तैयार'

बिहार में जातिगत जनगणना शुरू, तेजस्वी बोले- ‘BJP डरी हुई’; नीतीश ने कहा, ‘सरकार पूरी तरह से तैयार’

सर्वेक्षण में 38 जिलों में अनुमानित 2.58 करोड़ घरों में 12.70 करोड़ की आबादी शामिल होगी, जिसमें 534 ब्लॉक और 261 शहरी स्थानीय निकाय हैं. सर्वेक्षण का पूरा काम 31 मई, 2023 तक पूरा किया जाएगा.

Text Size:

नई दिल्लीः बिहार के मुख्यमंत्री की लंबे अरसे से लंबित मांग के बाद आखिरकार शनिवार से राज्य में जाति आधारित जनगणना का पहला चरण शुरू हो गया.

इसे लेकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि जनगणना सरकार को वैज्ञानिक रूप से राज्य में गरीबों के हित में विकास कार्य करने में सक्षम बनाएगी.

बता दें कि राज्य के सभी 38 जिलों में यह गणना दो चरणों में की जाएगी.

पहले चरण का काम, सात जनवरी से शुरू हुआ है जो कि 21 जनवरी तक पूरा हो जाएगा. इसमें राज्य के सभी घरों की संख्या की गणना की जाएगी.

वहीं, सर्वेक्षण का दूसरा चरण एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलने की संभावना है. इस दौरान, सभी जातियों, उप-जातियों, सामाजिक-आर्थिक स्थितियों से संबंधित आंकड़े जुटाए जाएंगे.

तेजस्वी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर उसकी ‘गरीब विरोधी’ नीतियों के लिए भी निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल नहीं चाहता कि सर्वेक्षण कराया जाए.

यादव ने कहा, ‘बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण आज से शुरू हो गया. यह हमें वैज्ञानिक आंकड़े उपलब्ध कराएगा, ताकि उसके अनुसार बजट और समाज कल्याण की योजनाएं बनाई जा सकें.’

उन्होंने कहा, ‘बीजेपी गरीब विरोधी है. वे सर्वेक्षण नहीं होने देना चाहते.’


यह भी पढ़ेंः ‘मेरिट को सिर्फ 20% वेटेज’: हरियाणा में आर्थिक-सामाजिक स्थिति देखकर हो रही संविदा पर टीचर्स की भर्ती


पटना से शुरू की गई जनगणना

केंद्र सरकार द्वारा इस कवायद से लगातार इनकार करने के बावजूद नीतीश सरकार ने 18 फरवरी 2019 और फिर 27 फरवरी 2020 को जातीय जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और विधान परिषद में पास करवा लिया था. बिहार कैबिनेट ने पिछले साल 2 जून को जातिगत जनगणना का फैसला लिया था.

पटना के डीएम ने बताया कि राज्य में आज से जातिगत सर्वेक्षण शुरू किया गया है. गणना की शुरुआत पटना से की गई.

उन्होंने कहा, ‘हमने आज से जाति सर्वेक्षण शुरू किया है. पहला चरण 7 जनवरी से 21 जनवरी तक चलेगा. दूसरा चरण अप्रैल में होगा, जिसमें सामाजिक-आर्थिक से जुड़ी जानकारियां जुटाई जाएंगी. पटना में कुल 20 लाख परिवार हैं, जिनकी गिनती पहले चरण में होगी.’

जनगणना में विधायकों, सांसदों और मंत्रियों के घरों की गिनती की जाएगी. इसके अलावा घर के मुखिया और परिवार के सदस्यों के नाम भी दर्ज किए जाएंगे.

सर्वेक्षण में 38 जिलों में अनुमानित 2.58 करोड़ घरों में 12.70 करोड़ की अनुमानित आबादी शामिल होगी, जिसमें 534 ब्लॉक और 261 शहरी स्थानीय निकाय हैं. सर्वेक्षण का पूरा काम 31 मई, 2023 तक पूरा किया जाएगा.

जिला स्तर पर जातिगत जनगणना का काम डीएम को सौंपा गया है. उन्हें ही नोडल अफसर भी बनाया गया है.

सामान्य प्रशासन विभाग के कर्मचारी, डीएम और ग्रामीण स्तर पर अलग-अलग विभागों के सबडऑर्डिनेट ऑफिस के कर्मचारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा जीविका दीदीयों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद भी ली जाएगी.


यह भी पढ़ेंः 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाला भारत का अहम कपड़ा क्षेत्र क्यों चुनौतियों का सामना कर रहा


केंद्र जातिगत जनगणना के समर्थन में नहीं

गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सरकार राज्य में जाति आधारित जनगणना कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

सीएम ने कहा था कि जनगणना राज्य और देश के विकास के लिए फायदेमंद होगी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आजकल ‘समाधान यात्रा’ में व्यस्त हैं. उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण में जाति और समुदाय का विस्तृत रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा जिससे उनके विकास में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा था, ‘सरकार ने राज्य में उप-जातियों और नागरिकों की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए जाति आधारित जनगणना करने के लिए अधिकारियों को ट्रैनिंग दी है.’

साल 1931 तक भारत में जातिगत जनगणना होती थी. साल 1941 में जनगणना के समय जाति आधारित डेटा जुटाया ज़रूर गया था, लेकिन प्रकाशित नहीं किया गया.

साल 1951 से 2011 तक की जनगणना में हर बार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का डेटा दिया गया, लेकिन ओबीसी और दूसरी जातियों का नहीं.

पिछले साल फरवरी में लोकसभा में जातिगत जनगणना को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में 20 जुलाई 2021 को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया था कि संविधान के मुताबिक, सिर्फ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की ही जनगणना हो सकती है.


यह भी पढ़ेंः अगर पाठ्यक्रम ‘राष्ट्रीय हित’ में नहीं है, तो पढ़ा नहीं सकते- UGC के विदेशी यूनिवर्सिटी के नियम से परेशान हुए शिक्षाविद


 

share & View comments