कोलकाता, 22 सितंबर (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने सोमवार को एकल पीठ के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें 1993 में कोलकाता के बउबाजार में हुए विस्फोट मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक दोषी को समय से पहले रिहाई दी गई थी।
बउबाजार विस्फोट में 70 लोगों की जान चली गई थी।
न्यायमूर्ति देबांगसु बसक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि राज्य सजा समीक्षा बोर्ड की निर्णय लेने की प्रक्रिया में मुख्य साजिशकर्ता राशिद खान के करीबी सहयोगी मोहम्मद खालिद की समय से पहले रिहाई से इनकार करने में कोई गलती नहीं है।
पीठ ने कहा कि समीक्षा बोर्ड ने 9 अक्टूबर, 2023 के अपने फैसले में विभिन्न हितधारकों के विचारों को ध्यान में रखा था और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा व्यक्त की गई आशंकाओं को महत्व दिया था।
उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने नौ अप्रैल, 2024 को खालिद की समयपूर्व रिहाई की अनुमति दे दी थी, जो 32 वर्षों से जेल में बंद है।
भाषा शफीक पारुल
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