गुरुग्राम: हरियाणा में सोनीपत पुलिस ने हरियाणा राज्य महिला आयोग (एचएससीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेनू भाटिया की शिकायत पर शहर के ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर समीना दलवई के खिलाफ “महिला छात्रों की गरिमा को ठेस पहुंचाने” का मामला दर्ज किया है.
शुक्रवार को राय ने पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 509 (एक महिला की गरिमा का अपमान करने का इरादा) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. दिप्रिंट के पास एफआईआर की कॉपी है.
थाना प्रभारी महिंदर सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. उन्होंने कहा, “अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.”
जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल के सेंटर फॉर वुमेन, लॉ एंड सोशल चेंज में प्रोफेसर और सहायक निदेशक दलवई के खिलाफ भाटिया की शिकायत में आरोप लगाया गया कि प्रोफेसर ने “बम्बल (डेटिंग ऐप) प्रोफाइल आईडी का धोखाधड़ीपूर्ण उपयोग किया” और “कई छात्राओं की नकली प्रोफाइल बनाई.”
शिकायत में कहा गया है, “मैं आपके ध्यान में एक गंभीर घटना लाने के लिए लिख रही हूं जिसने महिला छात्रों की गरिमा को ठेस पहुंचाई और कक्षा में एक प्रोफेसर द्वारा बम्बल प्रोफाइल आईडी के अनधिकृत और धोखाधड़ी वाले उपयोग ने ऐसी गतिविधि के दौरान महिला छात्रों के कई प्रोफाइल बनाई. मैं इस मामले में आपके तत्काल हस्तक्षेप और उचित कार्रवाई का अनुरोध करती हूं.”
सोनीपत पुलिस आयुक्त को किए गए शिकायत में आरोप लगाया गया है, “घटना 23 सितंबर, 2023 को ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की कक्षा में हुई, जहां समीना दलवाई ने यह कृत्य किया. 7 नवंबर को कैंपस में छात्रों ने इस दुखद घटना की पुष्टि की.”
दिप्रिंट ने दलवई से उसके मोबाइल पर कॉल और मैसेज के जरिए संपर्क किया लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. प्रतिक्रिया मिलने पर यह रिपोर्ट अपडेट कर दी जाएगी.
यूनिवर्सिटी के जेंडर और सोसाइटी कोर्स पढ़ाने वाले फैक्लटी मेंबर्स ने दलवई के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए कुलपति को पत्र लिखा है. प्रोफेसर जेंडर, कामुकता और लॉ में विशेषज्ञ हैं.
फैकल्टी मेंबर्स द्वारा लिखे गए पत्र में, जिसे दिप्रिंट ने एक्सेस किया है, शिक्षकों का कहना है: “हम, जेंडर और सोसायटी पढ़ाने वाली फैकल्टी के एक सोशल मीडिया लीक के संदर्भ में प्रोफेसर (डॉ.) समीना दलवई के समर्थन में यह ईमेल लिख रहे हैं. यह हमारी सहयोगी और यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा पर गलत प्रभाव डाल रहा है. इस पत्र में, हम डॉ. दलवई की क्लास में सुरक्षित स्थान के उल्लंघन की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, और पुष्टि करते हैं कि हम एक वैश्विक यूनिवर्सिटी के रूप में, आंतरिक प्रक्रियाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जारी रखते हैं जो फैकल्टी की शैक्षणिक स्वायत्तता की रक्षा कर सकते हैं और साथ ही इसके लिए जगह भी बना सकते हैं.”
इसमें आगे जोड़ा गया, “प्रोफेसर (डॉ.) दलवई के खिलाफ बाहरी बदनामी शिक्षकों और छात्रों के बीच स्पेस, आपसी विश्वास और हमारे सहयोग को कमजोर कर सकता है.”
छात्र समूह संघर्ष ने भी इंस्टाग्राम पर दलवई के साथ एकजुटता दिखाते हुए एक मैसेज पोस्ट किया.
डेटिंग ऐप का मामला सबसे पहले राम जन्मभूमि: द इंस्पिरेशन फॉर हिंदू रिसर्जेंस की लेखिका रश्मि सामंत ने 3 नवंबर को एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से उठाया था. इसमें कथित तौर पर दलवई की कक्षा में एक छात्रा द्वारा बनाई गई एक क्लिप थी, जिसमें उसे पढ़ाते समय डेटिंग ऐप खोलते हुए दिखाया गया था.
सामंत ने लिखा, “@JindalGlobalUNI की प्रोफेसर जो सोचती हैं कि “जय श्री राम” बोलना गलता है और हमास को छात्रों द्वारा गलत तरीके से “ट्रोल” किया जा रहा है, वह कैंपस में “दक्षिणपंथी” के रूप में स्टीरियोटाइप करना पसंद करती है, वह “बम्बल” एक डेटिंग ऐप (जैसे टिंडर) चलाती हुई दिखाई देती है. अपनी कक्षा में लोगों को बाएं-दाएं स्वाइप करने से स्टूडेंट्स बेहद असहज हो जाते हैं. यह एक प्रकार का उत्पीड़न है. मैं @RenuWbhatia1 से इस मुद्दे पर संज्ञान लेने का अनुरोध करती हूं.”
भाटिया ने बाद में छात्रों से बात करने के लिए 7 नवंबर को यूनिवर्सिटी का दौरा किया, जिसके बाद कुलपति सी. राज कुमार द्वारा दलवई को एक कारण बताओ नोटिस (8 नवंबर) और एक “चेतावनी पत्र” (13 नवंबर) भेजा गया.
𝐀 𝐥𝐞𝐭𝐭𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐝𝐢𝐬𝐚𝐩𝐩𝐫𝐨𝐯𝐚𝐥 𝐛𝐲 𝐉𝐢𝐧𝐝𝐚𝐥 𝐔𝐧𝐢𝐯𝐞𝐫𝐬𝐢𝐭𝐲 𝐭𝐨 𝐏𝐫𝐨𝐟𝐞𝐬𝐬𝐨𝐫 𝐃𝐫. 𝐀𝐜𝐡𝐢𝐧 𝐕𝐚𝐧𝐚𝐢𝐤
Promoting academic freedom and fostering a supportive environment for young individuals are essential in equipping them with the capacity to… pic.twitter.com/Hqi9oy2WwM
— Renu W Bhatia (@RenuWBhatia1) November 17, 2023
पुलिस को दी गई भाटिया की शिकायत में कहा गया है, “प्रोफेसर समीना ने न केवल कबूल किया है, बल्कि (यूनिवर्सिटी) के कुलपति के कारण बताओ नोटिस के जवाब में भी खुले तौर पर स्वीकार किया है कि वह ‘नया खाता कैसे बनाए’ आदि के बारे में सर्च कर रही थीं. चौंकाने वाली बात यह है कि एचएससीडब्ल्यू चेयरपर्सन को छात्रों द्वारा उपलब्ध कराए गए वीडियो साक्ष्य उनकी स्वीकारोक्ति की पुष्टि करते हैं, जिससे पता चलता है कि प्रोफेसर द्वारा कई फर्जी अकाउंट बनाए गए थे, जिनमें एक (कांग्रेस नेता) राहुल गांधी का भी शामिल था. यह रहस्योद्घाटन जबरदस्ती के एक परेशान करने वाले पैटर्न का खुलासा करता है, क्योंकि छात्रों को कथित तौर पर डेटिंग ऐप्स पर दूसरों का रूप धारण करने के लिए मजबूर किया गया था.”
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आरोप
भाटिया की शिकायत में कहा गया है, “प्रोफेसर समीना दलवई ने अनुचित और गैरकानूनी तरीके से कई छात्राओं का अपमान किया.”
इसमें कहा गया, “एक चौंकाने वाले रहस्योद्घाटन में, यह पता चला है कि प्रोफेसर समीना पर बेहद अनुचित और गैरकानूनी व्यवहार का आरोप लगाया गया है, जिससे कई महिला छात्रों को परेशानी हुई है. यह घटना तब सामने आई जब प्रोफेसर ने कक्षा के दौरान एक डेटिंग ऐप खोला और छात्रों की गोपनीयता और गरिमा का उल्लंघन किया.”
इसमें जोड़ा गया, “एक्स पर ऑनलाइन प्रसारित होने वाला व्यथित करने वाला वीडियो प्रभावित छात्रों के प्रति प्रोफेसर की आपत्ति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है, जिससे स्थिति की गंभीरता बढ़ जाती है. इस निंदनीय कृत्य ने न केवल व्यावसायिकता की सीमाओं का उल्लंघन किया, बल्कि इसमें शामिल लोगों की गरिमा को भी ठेस पहुंचाई.”
इसमें आगे आरोप लगाया गया है कि दलवई ने “स्टूडेंट्स को डेटिंग ऐप्स का उपयोग करने और नकली खाते बनाने के लिए मजबूर किया” और प्रोफेसर पर “गोपनीयता के उल्लंघन” का आरोप लगाया जो “लागू कानूनों के प्रावधानों के तहत एक गंभीर अपराध है”.
शिकायत में कहा गया, “शिकायत को प्रमाणित करने के लिए, पीड़ित छात्रा ने 7/नवंबर/2023 आश्वासन के बाद कैमरे में अपना बयान दर्ज किया है, जो एक वीडियो प्रारूप में उपलब्ध है, जो हरियाणा राज्य महिला आयोग के पास उपलब्ध है. वीडियो रिकॉर्डिंग घटना की सत्यता स्थापित करने में महत्वपूर्ण सबूत के रूप में काम करती है, और इसे जांच के दौरान प्रदान किया जाएगा.” भाटिया ने अपनी शिकायत में पुलिस से गहन जांच शुरू करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया कि दलवई के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए.
वह आगे कहती हैं, “मैं आपसे इसमें शामिल छात्राओं की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का भी आग्रह करती हूं, क्योंकि इस घटना का उनकी मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ा है.”
भाटिया ने 7 नवंबर को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि “छात्राओं ने दलवई द्वारा कक्षाओं के दौरान उत्पीड़न और गोपनीयता के उल्लंघन के आरोपों की पुष्टि की है”.
𝐒𝐭𝐮𝐝𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐜𝐨𝐧𝐟𝐢𝐫𝐦𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐜𝐜𝐮𝐬𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐨𝐟 𝐡𝐚𝐫𝐚𝐬𝐬𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐚𝐧𝐝 𝐯𝐢𝐨𝐥𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐟 𝐩𝐫𝐢𝐯𝐚𝐜𝐲 𝐝𝐮𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐥𝐚𝐬𝐬𝐞𝐬 𝐛𝐲 𝐏𝐫𝐨𝐟. 𝐒𝐚𝐦𝐞𝐞𝐧𝐚 𝐃𝐚𝐥𝐰𝐚𝐢
I visited the campus of @JindalGlobalUNI
today and had the opportunity… pic.twitter.com/eTLArmQnWH— Renu W Bhatia (@RenuWBhatia1) November 7, 2023
उन्होंने लिखा, “यह पहली बार देखना बेहद दुखद था कि संस्थान छात्रों को आगे लक्षित उत्पीड़न के परिणामों के बिना शिकायत करने के लिए एक सुरक्षित स्थान प्रदान करने में भी विफल रहा.”
एक दिन पहले, यूनिवर्सिटी का दौरा करने से पहले, भाटिया ने यूनिवर्सिटी के कुलपति को अपने दौरे की जानकारी देते हुए एक पत्र जोड़ते हुए एक पोस्ट डाला था. उन्होंने डालमिया पर सामंत की पिछली पोस्ट को भी टैग किया था.
It is disheartening to witness the distressing situation within @JindalGlobalUNI . The compromise of privacy and dignity of students, especially female students, by the use of a dating app and obscene material by a faculty amounts to harassment. I'm appalled by such actions.… https://t.co/VgH3vdX1Io pic.twitter.com/CJEv5waHPK
— Renu W Bhatia (@RenuWBhatia1) November 6, 2023
भाटिया ने 17 नवंबर को दलवई को यूनिवर्सिटी के “चेतावनी पत्र” की एक प्रति के साथ एक और पोस्ट भी डाला जिसमें दो आरोपों को सूचीबद्ध किया गया था कि यूनिवर्सिटी “प्रथम दृष्टया मामले को सही है”.
जहां एक का संदर्भ “छात्रों की निजता के उल्लंघन” से था, वहीं दूसरा “छात्रों के बीच विचारधारा और धर्म के आधार पर भेदभाव करके उन्हें परेशान करने” से संबंधित था.
इसमें कहा गया है कि दलवई ने पहले आरोप की “सच्चाई को स्वीकार किया” और “उल्लेख किया कि यह एक शैक्षणिक दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में हुआ”, जबकि दूसरे के लिए उन्होंने कहा था कि “यह कृत्य अनजाने में हुआ था”.
शिक्षकों ने समर्थन में क्या कहा
दलवई मुद्दे पर फैकल्टी मेंबर्स के संचार में कहा गया है कि “जेंडर और सोसायटी कोर्स में, हमारा लक्ष्य हमारी कक्षा में सुरक्षित स्थान बनाना है जहां विभिन्न अनुभव और पहचान वाले लोग उत्पीड़न, भेदभाव के किसी भी डर के बिना खुद को अभिव्यक्त कर सकें और एक-दूसरे के बारे में सीख सकें.”
इसमें कहा गया है, “हमारी कक्षा की चर्चाओं और गतिविधियों की अनधिकृत रिकॉर्डिंग हमारे व्याख्यानों को अप्रासंगिक बना देती है और हमारे बड़े सीखने के उद्देश्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है, जिससे हम सभी और JJU को गलत तरीके से प्रस्तुत किए जाने का खतरा होता है.”
इसमें आगे कहा गया, “हम बातचीत और चर्चा के माध्यम से कक्षाओं में गैर-अभिमानी और कॉलेजियम तरीके से उठाई जाने वाली सभी चिंताओं के लिए जगह बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. JJU की भावना और संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए, हम जिज्ञासा और करुणा के साथ सीखने की भावना को बनाए रखने के लिए कक्षा को सभी फैकल्टी और स्टूडेंट्स के लिए एक सुरक्षित स्थान के रूप में फिर से पुष्टि करना चाहते हैं. सुरक्षित स्थान का उल्लंघन (इस मामले में गैर-सहमति वाली रिकॉर्डिंग के माध्यम से) उस नैतिकता का उल्लंघन है जिसे JJU में सभी स्टूडेंट्स और फैक्लटी सही मानते हैं.”
पत्र के अनुसार, “डेटिंग और डेटिंग ऐप्स पर गतिविधियां और चर्चाएं कास्ट, जेंडर और क्लास की रोजमर्रा की अभिव्यक्तियों को समझने के लिए रचनात्मक अवसर देती हैं, एक ऐसा विषय जिससे हमारे कई छात्र बड़े उत्साह के साथ जुड़े हुए हैं. हम स्वीकार करते हैं कि विषय के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए कुछ छात्रों को कोई विशेष विषय या पढ़ाने का तरीका पसंद नहीं आ सकता है. उस स्थिति में, हम छात्रों को कक्षा में अपनी चिंताओं को उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जिन्हें सौहार्दपूर्ण तरीके से हल किया जा सकता है.”
शिक्षकों ने विश्वास जताते हुए कहा कि “JJU इस कठिन क्षण का सामना करने में अपने सहयोगियों, हमारे फैक्लटी (एसआईसी) और स्टूडेंट्स के साथ खड़ा रहेगा. हम इसे आंतरिक तंत्र के माध्यम से हल करने की अपील करते हैं ताकि हम अपने टीचिंग और रिसर्च पर ध्यान केंद्रित कर सकें. साथ ही प्रोफेसर (डॉ.) दलवई और JJU की प्रतिष्ठा को बहाल करने में मदद कर सकें.”
(संपादन : ऋषभ राज)
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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