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Saturday, 4 May, 2024
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बंगाल के तटों से टकरा सकता है चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’, आकस्मिक स्थिति से निपटने के पूरे इंतजाम

इस चक्रवाती तूफान के मद्देनजर ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.

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कोलकाता: भारतीय तटरक्षक बल के कर्मियों ने गंभीर चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ के मद्देनजर किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है जिसके पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तटों के बीच शनिवार देर शाम या रात तक पहुंचने की आशंका है.

तटरक्षक बल के महानिरीक्षक राजन बारगोत्रा ने शनिवार को बताया कि पारादीप, धर्मा और सागर द्वीप के तटों पर जहाजों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.

तटरक्षक बल के उत्तरपूर्व क्षेत्र के कमांडर बारगोत्रा ने कहा कि इस चक्रवाती तूफान के मद्देनजर ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गयी है.

उन्होंने कहा कि तटरक्षक बल के कर्मी बुलबुल के प्रभाव के आलोक में स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकारों के संपर्क में है.

तटरक्षक बल के उपमहानिरीक्षक (पश्चिम बंगाल) एस आर दास ने कहा कि तीन आपदा प्रबंधन टीमें समयोचित कार्रवाई के लिए हल्दिया में और दो टीमें 24 परगना जिले के फ्रेजरगंज में तैनात की गयी हैं.

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दास ने कहा, ‘हम कोशिश में जुटे हैं कि कोई भी हताहत न हो.’

महानिरीक्षक ने कहा कि चक्रवाती तूफान पर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में हल्दिया, पारादीप और गोपालपुर में रडार के माध्यम से नजर रखी जा रही है.

मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि बुलबुल सुबह साढे पांच बजे सागर द्वीप के दक्षिण-दक्षिणपूर्व में 190 किलोमीटर की दूरी पर था जिसके क्रमिक रूप से कमजोर होने और पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच तट पार करने की संभावना है.

विभाग ने कहा कि उसके शनिवार देर शाम या रात को तट पर पहुंचने की संभावना है तथा 110-120 किलोमीटर से लेकर 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की आशंका है.

बेहद शक्तिशाली तूफान ‘बुलबुल’ के कारण मध्य ओडिशा के कई हिस्सों में शनिवार को तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, पेड़ उखड़ गए और सड़क संपर्क टूट गया.


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विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने बताया कि अभी तक कहीं से भी किसी के हताहत होने की खबर नहीं है हालांकि जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और भद्रक जिलों में कई स्थानों पर बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए.

मुख्य सचिव असित त्रिपाठी ने बताया कि राज्य सरकार स्थिति पर करीब से नजर रख रही है और इससे निपटने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) के कमिर्यों ने प्रभावित इलाकों में यातायात के सुचारू संचालन के लिए उखड़े पेड़ों को सड़कों से हटाने का काम शुरू कर दिया है.

भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक एच आर बिस्वास ने बताया कि बेहद गंभीर श्रेणी का चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ अभी पारादीप से करीब 95 किलोमीटर पूर्व-उत्तरपूर्व में बंगाल की खाड़ी के उत्तरपश्चिम में है.

उन्होंने बताया कि ‘बुलबुल’ से ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई और मध्य ओडिशा के कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा हुई.

बिस्वास ने बताया कि जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, बालासोर और भद्रक जैसे जिलों में 70-80 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से तेज हवा चली जबकि ज्यादातर तटीय इलाकों में तूफानी परिस्थितियां बनी रही.

एसआरसी ने बताया कि केंद्रपाड़ा जिले के राजनगर ब्लॉक में शुक्रवार से अब तक सबसे अधिक 180 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी जबकि भद्रक के चांदबाली में 150 मिमी. और जगतसिंहपुर जिले के तिरतोल में 100 मिमी. बारिश दर्ज की गयी.

अधिकारियों ने बताया कि राज्य के कुछ तटीय क्षेत्रों में संवेदनशील और निचले इलाकों से करीब 3,000 लोगों को निकाला गया है.

केंद्रपाड़ा जिला प्रशासन ने 1,070 लोगों को सुरक्षित शिविरों में पहुंचाया.

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