फगवाड़ा (पंजाब), 26 जनवरी (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बुधवार को दावा किया कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने दलितों से जुड़े हितों को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के हाथों बेच दिया है। बसपा ने राज्य में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शिअद के साथ गठबंधन किया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में बसपा का कोई अस्तित्व नहीं है और उसने खुद को शिअद के हवाले कर दिया है।
बसपा-शिअद गठबंधन के तहत बसपा विधानसभा की 117 में से 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
चन्नी ने कांग्रेस प्रत्याशी बलविंदर सिंह धालीवाल के पक्ष में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘बसपा के संस्थापक कांशीराम जी के पास एक दृष्टि थी और उन्होंने समाज (अनुसूचित जाति समुदाय) की प्रगति के लिए पार्टी की स्थापना की थी लेकिन राज्य में पार्टी के वर्तमान नेतृत्व ने पार्टी को समाप्त कर दिया है।’
उन्होंने कहा कि बसपा का दावा है कि वह अनुसूचित जाति समुदाय के 35 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करती है, लेकिन उसने 35 प्रतिशत नहीं बल्कि 18 प्रतिशत सीटें ही स्वीकार की हैं। उन्होंने दावा किया कि पार्टी को जो 20 सीटें मिली हैं, वहां भी उसकी संभावनाएं बहुत कम हैं।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि अकालियों ने चतुराई से सीटें अपने पास रख ली है। बसपा के खिलाफ हमला जारी रखते हुए चन्नी ने आरोप लगाया कि शिअद ने अपने पुराने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए बसपा का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा, ‘लोगों ने अकालियों के इस खेल से देखा है कि बसपा का उपयोग सिर्फ भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।’
चन्नी ने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोलते हुए दावा किया कि पार्टी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को पंजाब में चेहरा बनाने के लिए 400 करोड़ रुपये खर्च किए। उन्होंने कहा, लेकिन जब उन्हें कोई जवाब नहीं मिला तो केजरीवाल ने भगवंत मान के नाम का इस्तेमाल सिर्फ लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए किया।
भाषा
अविनाश उमा
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