मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह कोविड-19 रोधी टीके को खरीदने और उन्हें राज्यों को आवंटित करने की प्रक्रिया का ब्यौरा देते हुऐ हलफनामा दाखिल करे.
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ कोविन पोर्टल पर टीकाकरण स्लॉट बुक करते समय नागरिकों को होने वाली समस्याओं के निवारण के लिए जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने केंद्र को 27 अगस्त तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है.
इस महीने की शुरुआत में, अदालत ने महाराष्ट्र और केंद्र से पूछा था कि नागरिकों को उपलब्ध टीकाकरण स्लॉट के बारे में पहले से ही सूचित क्यों नहीं किया जा सकता है ताकि पोर्टल पर बुकिंग के लिए अंतिम समय में भीड़ नहीं लगे.
महाराष्ट्र सरकार ने जनहित याचिका के जवाब में अपने हलफनामे में सोमवार को कहा कि केंद्र राज्य सरकारों को उन्हें आवंटित किए जा रहे टीके की शीशियों की संख्या के बारे में सूचित करती है, जो सीधे टीका निर्माताओं द्वारा प्रदान की जाती हैं.
हलफनामे में बताया गया है कि, मई 2021 से, केंद्र सरकार महाराष्ट्र सरकार को टीकों के उसके हिस्से के बारे में ‘पाक्षिक’ तौर पर सूचित कर रही है. हलफनामे के मुताबिक, निर्माताओं द्वारा टीकों की आपूर्ति की तारीख अलग-अलग होती है और इसलिए, राज्य उपलब्ध टीकाकरण स्लॉट के बारे में लोगों को अग्रिम रूप से सूचित करने में असमर्थ है.
केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने उच्च न्यायालय को बताया कि केंद्र ‘सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अग्रिम सूचना देता है ताकि वे टीकाकरण कवरेज में तेजी लाने के लिए जिलेवार और सीवीसी-वार योजना तैयार कर सकें.
इस बीच, बृहन्मुंबई महानगरपालिका की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अनिल साखरे ने अदालत को बताया कि नगर निकाय के रिकॉर्ड के अनुसार, मुंबई में कुल 63,40,138 लोगों को कोविड रोधी टीके की पहली खुराक दी गई है जबकि 21,61,939 लोगों को टीके की दोनों खुराकें लगा दी गई हैं.
साखरे ने बताया कि महानगर में 2,053 लोग फर्जी कोविड टीकाकरण शिविरों के शिकार हुए हैं.
अदालत जनहित याचिकाओं पर अगले हफ्ते सुनवाई जारी रखेगी.
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