( तस्वीर सहित )
बेंगलुरु, एक दिसंबर (भाषा) बेंगलुरु में शुक्रवार सुबह 68 निजी विद्यालयों को एक ई-मेल मिला जिसमें उनके परिसर में बम होने का दावा किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
यह ई-मेल मिलने के बाद स्कूल के कर्मचारी और छात्रों के अभिभावक घबरा गए।
पुलिस ने बताया कि स्कूल प्राधिकारियों ने पुलिस को तत्काल इसकी जानकारी दी जिसके बाद वह बम निरोधक दस्ते और दलों के साथ संबंधित संस्थानों में पहुंची। उसने संकेत दिया कि बम की धमकी फर्जी हो सकती है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि उन्होंने पुलिस से ई-मेल और उसके स्रोत की गंभीरता से जांच करने और एहतियात के तौर पर स्कूलों और मंदिरों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है।
प्रदेश के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि एक ईमेल से संदेश भेजा गया था। ईमेल में कहा गया कि बेंगलुरु में स्कूलों में बम रखा गया है और इसमे बच्चों तथा कर्मचारियों को मारने की धमकी दी गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम गंभीरता से मामले की और इसके स्रोत की जांच कर रहे हैं। मैंने आयुक्त और अधिकारियों से बात की है और उन्हें यह पता लगाने के निर्देश दिए हैं कि यह सही है या फर्जी….।’’
उन्होंने कहा,‘‘ हम इसकी जांच कर रहे हैं कि इसके पीछे किसका हाथ है और क्या इसमें किसी आतंकवादी संगठन का हाथ तो नहीं है और उसके अनुसार कदम उठाएंगे। अभी यह नहीं बताया जा सकता कि इसके पीछे कौन है..।’’
पुलिस ने बताया कि जिन 68 स्कूलों में बम धमाके की धमकी मिली, उनमें से 48 शहर के भीतर स्थित हैं, जबकि बाकी बेंगलुरु ग्रामीण सीमा क्षेत्र में हैं।
उसने बताया कि छात्रों और कर्मचारियों को स्कूल परिसरों से तुरंत बाहर निकाल लिया गया और अभी तक कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है।
शहर के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद ने कहा कि इन सभी स्कूलों में बम का पता लगाने और निष्क्रिय करने वाले दस्ते भेजे गए थे और संभवत: यह एक अफवाह लगती है।
उन्होंने कहा, “इससे पहले भी स्कूलों में इसी तरह के धमकी भरे पत्र और ईमेल आए थे और उन्हें शरारत के लिए भेजा गया व फर्जी पाया गया था तथा पुलिस ने इसके पीछे के लोगों की पहचान की थी। पुलिस आज भेजे गए ईमेल की भी जांच कर रही है…अधिकारी और कर्मी इन सभी स्थानों पर गए हैं। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे चिंता न करें, क्योंकि संभवत: ये सभी फर्जी कॉल (मेल) हैं।”
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तलाशी अभियान लगभग पूरा हो गया है और अब तक, हमारी टीम को किसी भी स्कूल परिसर में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया यह फर्जी संदेश प्रतीत होता है। हम इस संबंध में मामला दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं और गहन जांच की जा रही है।’’
ईमेल से मिली धमकी के बारे में पता चलने से पहले ही बच्चे स्कूल पहुंच गए थे। घबराए हुए माता-पिता अपने बच्चों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए अपने-अपने कार्यालयों और घरों से स्कूल पहुंचे। जिन स्कूलों में बम रखा होने की धमकियां दी गईं उनमें से कई के छात्रों ने बताया आज उनकी परीक्षाएं थीं।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा, “मैंने पुलिस अधिकारियों से बात की है और उन्हें सभी स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने, सतर्क रहने और इसके पीछे के लोगों का पता लगाने का निर्देश दिया है।’’
उन्होंने कहा, “किसी को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। मैंने सुरक्षा कड़ी करने और जिन स्कूलों को धमकियां मिली हैं, उनकी जांच करने को कहा है।”
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने उन विद्यालयों में से एक स्कूल का दौरा किया जहां बम होने का दावा किया गया है। उन्होंने स्कूल और पुलिस से स्थिति की जानकारी ली।
उन्होंने कहा, ‘‘टीवी पर समाचार देखकर मैं थोड़ा परेशान हो गया था, क्योंकि कुछ ऐसे विद्यालयों का जिक्र किया गया है जिन्हें मैं जानता हूं और जो मेरे घर के पास हैं, इसलिए मैं स्थिति का पता लगाने बाहर गया। पुलिस ने मुझे मेल दिखाया है। प्रथम दृष्टया यह फर्जी प्रतीत हो रहा है। मैंने पुलिस से बात की… लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए। माता-पिता चिंतित हैं, लेकिन चिंता करने की जरूरत नहीं है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।’’
शिवकुमार ने माता-पिता से चिंता न करने की अपील की और कहा कि उनके बच्चे सुरक्षित रहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ शरारती लोगों ने ऐसा किया होगा। हम 24 घंटे में उन्हें पकड़ लेंगे। अपराध शाखा पुलिस सक्रिय है, वे अपना काम कर रहे हैं… हमें भी सतर्क रहना चाहिए।’’
इस बीच, विपक्ष ने इस मामले पर सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था खराब हो गई है।
भाजपा और जद(एस) ने असामाजिक तत्वों में पुलिस को लेकर डर की कमी का आरोप लगाया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने कहा, “राज्य में असामाजिक ताकतों को पुलिस का कोई डर नहीं है। नतीजतन, बदमाशों ने निडर होकर यह संदेश फैलाकर भय का माहौल बनाने की कोशिश की है कि बेंगलुरु के कुछ स्कूलों में बम रखे गए हैं।”
जद (एस) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि ऐसी घटनाओं से, कुछ निहित स्वार्थ वाले लोग जनता के बीच भय या दहशत का माहौल पैदा करने में कामयाब रहे।
भाषा प्रशांत वैभव
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