रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सह-प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में पार्टी की हार उनके लिए बहुत दुखद है.
हालांकि, शर्मा ने कहा कि जनादेश को स्वीकार किया जाना चाहिए, क्योंकि लोकतंत्र का यही असल सार है.
सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘झारखंड में पार्टी की हार मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत दुखद है, भले ही हमने असम में उपचुनावों में सभी पांच सीट जीत ली हो. मैंने झारखंड में अपने कार्यकर्ताओं के अटूट समर्पण और अथक प्रयासों को देखा है, जिन्होंने इस चुनाव में अपना सब कुछ झोंक दिया था.’’
The loss in Jharkhand is deeply painful for me personally, even though we secured victory in all five by-elections in Assam. I have witnessed the unwavering dedication and relentless efforts of our Karyakartas in Jharkhand, who gave their all in this election. We fought with a…
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) November 23, 2024
सरमा ने कहा कि भाजपा ने राज्य को ‘घुसपैठ’ से बचाने और छात्रों और युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करते हुए इसे विकास के पथ पर ले जाने की दृष्टि से चुनाव लड़ा.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें विनम्रतापूर्वक लोगों के जनादेश को स्वीकार करना चाहिए, क्योंकि यही लोकतंत्र का असल सार है. इस चुनौतीपूर्ण समय में हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे, उन्हें अटूट समर्थन और एकजुटता प्रदान करेंगे.’’
झारखंड में भारी जनादेश के साथ हेमंत सोरेन के झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाला गठबंधन सत्ता बरकरार रखने के लिए पूरी तरह तैयार है. भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन उसका प्रदर्शन उम्मीदों से अधिक खराब रहा.
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