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Saturday, 21 December, 2024
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‘ममता चुप नहीं करा सकतीं’, कार्यकर्ता की हत्या को लेकर BJP का उत्तर बंगाल में 12 घंटे बंद का आह्वान

बता दें कि उत्तर बंगाल में बीते दिनों हुई हत्या और एक रेप को लेकर पश्चिम बंगाल बीजेपी ने बंद का आह्वान किया है. आज कई बीजेपी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है.

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में शुक्रवार को बीजेपी नेता की कथित हत्या और कालियागंज रेप और मर्डर केस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया.

पश्चिम बंगाल बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने राज्य में आम लोगों के खिलाफ कथित पुलिस बर्बरता को लेकर आज उत्तर बंगाल में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है. भाजपा नेत्री देबाश्री चौधरी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार राजबंशी लोगों के खिलाफ है.

चौधरी ने कहा, ‘यहां के हालात देखकर हमने बंद का आह्वान किया है. यह घटना (एक बीजेपी नेता की कथित हत्या) बेहद शर्मनाक थी. राजबंगियों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं, जिससे पता चलता है कि टीएमसी राजबंगियों के खिलाफ है.’

इस बीच, सिलीगुड़ी में भाजपा कार्यकर्ता दुकानें बंद कर 12 घंटे के बंद का आह्वान करते नजर आए.

शुक्रवार को पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘आम लोगों पर पुलिस की बर्बरता के विरोध में बीजेपी ने शुक्रवार को उत्तर बंगाल में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है.’

उत्तर दिनाजपुर जिले के कलियागंज के समीप राधिकापुर में भाजपा कार्यकर्ता मृत्युंजय बर्मन की मौत के बाद बंद का आह्वान किया गया है. बीजेपी का आरोप है कि मृत्युंजय की मौत पुलिस फायरिंग में हुई है.

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद देबश्री चौधरी ने कहा, ‘सत्तारूढ़ पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) गलत है अगर उन्हें लगता है कि वे हमारे कैडरों पर गोली चलाकर या बेतरतीब गिरफ्तारी करके हमें चुप करा सकते हैं. पूरा देश हमारे साथ है.’

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस कर्मियों ने बुधवार देर रात बीजेपी कार्यकर्ता मृत्युंजय बर्मन की गोली मारकर हत्या कर दी, जब वे कालियागंज में पार्टी के पंचायत समिति सदस्य बिष्णु बर्मन को गिरफ्तार करने आए थे.

इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के कालियागंज में एक नाबालिग लड़की से कथित बलात्कार और हत्या के मामले में मेखिलगंज पुलिस द्वारा की गई जांच की विस्तृत रिपोर्ट मांगी.

न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ ने सुनवाई के लिए अगले दिन 2 मई की तारीख तय की है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी को सुरक्षित रखने को कहा क्योंकि जरूरत पड़ी तो कोर्ट बाद में इस पर गौर करेगी.

कोर्ट ने एफआईआर और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी मांगी और पुलिस को उसकी एक कॉपी पीड़ित के परिवार के सदस्यों और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य को भी सौंपने को कहा.

मामला कालियागंज में एक नाबालिग लड़की की मौत का है. 20 अप्रैल को पीड़िता का शव कालियागंज स्थित नहर में तैरता हुआ मिला था.

स्थानीय लोगों का आरोप है कि नाबालिग के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या की गई. इससे हंगामा और विरोध हुआ. लोगों ने सड़क जाम कर टायर जलाए और कई दुकानों में आग लगा दी. स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच कुछ झड़पें भी हुईं.

एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें कथित तौर पर पुलिस को पोस्ट-मॉर्टम के लिए ले जाते समय पीड़ित के शरीर को घसीटते हुए दिखाया गया है.

हालांकि, 22 अप्रैल को उत्तर दिनाजपुर के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा दी गई पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि मौत किसी जहरीले पदार्थ के कारण हुई थी.

उन्होंने कहा, ‘डॉक्टरों द्वारा दी गई पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि मौत किसी जहरीले पदार्थ के कारण हुई थी. कोई बड़ी चोट नहीं है. हम फिर से डॉक्टरों से स्पष्ट करने के लिए कहेंगे कि क्या कोई यौन चोट है.’


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