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Sunday, 5 May, 2024
होमखेल‘न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी’, शीर्ष पहलवानों का धरना जारी, संगीता फोगट बोलीं- आरोपी को सजा मिले

‘न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी’, शीर्ष पहलवानों का धरना जारी, संगीता फोगट बोलीं- आरोपी को सजा मिले

बता दें कि शीर्ष भारतीय पहलवान बीते कई दिनों से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं. पहलवान मांग कर रहे हैं कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को पद से हटाया जाए.

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नई दिल्ली: उभरती हुई भारतीय पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया की पत्नी संगीता फोगट ने शुक्रवार को कहा कि ‘जब तक आरोपी का सजा नहीं मिल जाती और हमारे साथ न्याय नहीं हो जाता तब तक विरोध-प्रदर्शन जारी रखेंगे’. उन्होंने कहा, ‘यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी.’

बता दें कि कई भारतीय पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ राजधानी के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. शीर्ष भारतीय पहलवान जैसे विनेश फोगट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और कई अन्य पहलवान डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं. फोगट ने कहा,  ‘हमें पहले न्याय नहीं मिला. हम पहले भी लड़ रहे थे और अब भी लड़ रहे हैं. हम तब तक ऐसा करते रहेंगे जब तक कि आरोपी को सजा नहीं मिल जाती. इसलिए हम यहां विरोध जारी रखेंगे. लड़कियों ने उस पर यौन शोषण का आरोप लगाया है.’

संगीता फोगट कहा, ‘हमारा उत्पीड़न हुआ, इसलिए प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और उसे उसके कृत्यों के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए. जैसा कि आप देख सकते हैं कि कोई भी हमारे पास नहीं आया, हमें कोई फोन नहीं आया, किसी ने हमें नहीं बताया कि हमें न्याय कब मिलेगा.’

राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगट ने भी गुरुवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा की WFI और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध पर टिप्पणी के साथ अपनी निराशा व्यक्त की.

इससे पहले, पीटी उषा ने गुरुवार को कहा कि पहलवानों को डब्ल्यूएफआई और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सड़कों पर उतरने के बजाय आईओए से संपर्क करना चाहिए था, जिन पर पहलवानों ने एथलीटों के यौन उत्पीड़न और कुप्रबंधन का आरोप लगाया था.

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उषा ने मीडिया से कहा था, ‘भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) में यौन उत्पीड़न के लिए एक समिति है. सड़कों पर जाने के बजाय वे (विरोध करने वाले पहलवान) पहले हमारे पास आ सकते थे लेकिन वे IOA में नहीं आए. यह न केवल पहलवानों के लिए खेल के लिए अच्छा है. उन्हें भी कुछ अनुशासन रखना चाहिए.’ उषा ने मीडिया से कहा.

उषा की टिप्पणियों से पहलवानों ने निराशा व्यक्त की है.

साक्षी मलिक ने मीडिया से कहा, ‘एक महिला एथलीट होने के नाते, वह (पीटी उषा) अन्य महिला एथलीटों की बात नहीं सुन रही हैं. हमने बचपन से उनका अनुसरण किया है और उनसे प्रेरित हुए हैं. यहां अनुशासनहीनता कहां है, हम यहां शांति से बैठे हैं.’ 

सीडब्ल्यूजी और विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगट ने भी उषा की टिप्पणियों को ‘असंवेदनशील’ कहा.

उन्होंने कहा, ‘हम संविधान के अनुसार रहते हैं और स्वतंत्र नागरिक हैं. हम कहीं भी जा सकते हैं. अगर हम बाहर सड़कों पर बैठे हैं, तो कोई कारण होगा, कोई कारण होगा कि किसी ने हमारी बात नहीं सुनी, चाहे वह आईओए हो या खेल मंत्रालय. उनका यह कहना है यह असंवेदनशील है. मैंने उन्हें फोन भी किया, लेकिन उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया.’

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने भी कहा, ‘जब वह ये बातें कहती हैं तो आपको दुख होता है क्योंकि वह आईओए प्रमुख हैं और खुद एक महिला हैं. वह चाहती हैं कि हम आईओए से संपर्क करें, लेकिन तीन महीने पहले हम यहां आए थे, लेकिन अभी तक कोई न्याय नहीं मिला.’


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