अगरतला, एक दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गठबंधन सरकार की सहयोगी पार्टी ‘इंडिजिनस पीपुल्स पार्टी ऑफ त्रिपुरा’ (आईपीएफटी) चुनाव लड़ने के लिए एक अलग राजनीतिक पार्टी बनी रहेगी। पार्टी के एक शीर्ष नेता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले पूर्वोत्तर के सभी क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को एक साझा मुद्दे के लिए लड़ने के मकसद से एकजुट होने का आह्वान करते हुए टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) द्वारा ‘वन नॉर्थ ईस्ट’ के बैनर तले एक रैली आयोजित की गई थी।
आईपीएफटी के अध्यक्ष प्रेम कुमार रियांग ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने 2009 में टिपरालैंड (टीटीएएडीसी क्षेत्रों के लिए एक अलग राज्य) हासिल करने के लक्ष्य के साथ आईपीएफटी की स्थापना की थी। इसके बाद 2021 में ग्रेटर टिपरालैंड का वादा करते हुए एक अन्य पार्टी (टीएमपी) का गठन हुआ। आईटीएफटी को ‘वन नॉर्थ ईस्ट’ रैली (27 नवंबर को) में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। हमने रविवार को केंद्रीय कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक की और संकल्प लिया कि पार्टी एक अलग राजनीतिक पार्टी के रूप में अपनी पहचान बनाए रखेगी।’
उन्होंने कहा कि पार्टी त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के चुनाव भाजपा और टीएमपी के साथ मिलकर लड़ने के पक्ष में है। वर्तमान में, तीनों दल त्रिपुरा में माणिक साहा के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में हम अपनी क्षमता के अनुसार सीट मांगेंगे। फिलहाल हमारा विचार एडीसी चुनाव लड़ने का है, चाहे इसके लिए गठबंधन न हो।’’
जनजातीय परिषद का चुनाव इस वर्ष अप्रैल में होने वाला है।
रियांग ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान इस बार 125वें संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने के मकसद से पार्टी दिल्ली में एक दिन का धरना देगी।
यह विधेयक जनजातीय परिषद को सशक्त बनाने के लिए है।
भाषा यासिर नरेश
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