पटना, 11 जून (भाषा) झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को अपनी कार पर हुए हमले के बाद बाल-बाल बचे बिहार के मंत्री नितिन नवीन ने राज्य वापस आने पर शनिवार को यहां अपनी आपबीती सुनायी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता नवीन पड़ोसी राज्य झारखंड में एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए गए थे लेकिन वह पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक बयानों के आरोप में पार्टी से निलंबित नुपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के विरोध में रांची में प्रदर्शन के दौरान सांप्रदायिक दंगे की चपेट में आ गए।
नवीन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमलोग अपने होटल में थे, तभी हमने सुना कि शुक्रवार की नमाज के बाद प्रदर्शन हो रहे हैं। दोपहर तीन बजे के बाद हमें पता चला कि स्थिति नियंत्रण में है इसलिए हमलोग अपने घर लौटने के उद्देश्य से वहां से निकल गए।’’
उन्होंने कहा कि उनकी कार जब मुख्य सड़क से गुजर रही थी तभी कहीं से अचानक आए हजारों लोगों ने उनकी कार को चारों तरफ से घेर लिया। अपनी क्षतिग्रस्त कार जिसके शीशे टूटे हुए थे, की ओर इशारा करते नवीन ने कहा कि वह ‘‘केवल भगवान की कृपा से’’ बच सके।
अपने चालक जिसकी सूझ-बूझ से भीड़ के बीच से वहां से बिहार के मंत्री निकल पाए, उसकी प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि भीड़ में से कई लोगों ने उन्हें जरूर चेहरे से पहचान लिया होगा और जो चेहरे से नहीं पहचान पाए होंगे, मेरे कुर्ता पायजामा पहने होने के कारण उन्हें भी पता चल गया होगा कि एक राजनेता वाहन के भीतर है।
मंत्री ने कहा कि उन्हें मदद तब मिली जब उन्होंने झारखंड के पुलिस महानिदेशक से फोन पर संपर्क किया, जिन्होंने बिहार में प्रवेश करने तक हमें सुरक्षा देने के लिए दो सुरक्षाकर्मी भेजे।
बिहार के मंत्री ने झारखंड प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि इतने सारे लोगों का एक विशेष समय पर सड़कों पर आना एक सुनियोजित साजिश थी और भीड़ में शामिल लोगों को कानून का कोई डर नहीं था।
भाषा अनवर सुरभि
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