नई दिल्ली: अपहरण के एक हाईप्रोफाइल मामले में पीड़िता के परिजनों और मुख्य याचिकाकर्ता ने बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गुप्तेश्वर पांडेय पर धमकाने का आरोप लगाया है. इस अनसुलझे मामले के सिलसिले में जांच एजेंसी सीबीआई 2014 में पांडेय से पूछताछ कर चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रहे 2012 के इस अपहरण मामले में मुख्य याचिकाकर्ता अभिषेक रंजन ने दिप्रिंट से कहा, ‘दो-तीन महीने पहले कुछ लोग मुज़फ़्फ़रपुर के निकट मेरे पैतृक घर पर आए थे. उन्होंने डीजीपी का नाम लेकर मेरे परिवार को धमकाया था. इतना ही नहीं, बदनाम करने के लिए वह (डीजीपी) लोगों से कह रहे हैं कि मेरा पीड़िता की बहन के साथ अफेयर चल रहा है.’
पीड़िता नवरुणा चक्रवर्ती को सितंबर 2012 में उसके बेडरूम से अपहरण कर लिया गया था. उसके चार सदस्यीय बंगाली परिवार ने आरोप लगाया था कि एक भू माफिया इस अपराध में शामिल है जो उसके घर वाली ज़मीन को हथियाना चाहता था.
पीड़िता के परिवार ने पांडेय को भी मामले में आरोपी बनाया था जो उन दिनों मुज़फ़्फ़रपुर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) थे. बाद में सीबीआई ने मामले में उनसे पूछताछ की थी. गत वर्ष, पांडेय को बिहार का डीजीपी नियुक्त किया गया था.
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दिप्रिंट ने डीजीपी पांडेय से टेलीफोन पर बात करने की बहुत कोशिश की पर उनसे संपर्क नहीं हो पाया. दिप्रिंट ने टेक्स्ट मैसेज और ईमेल के ज़रिए भी उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त करने की कोशिश की, पर इस रिपोर्ट के प्रकाशन तक उनका जवाब नहीं मिल पाया था.
‘बड़ी बेटी के चरित्र को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं’
नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती ने आरोप लगाया है कि डीजीपी उनकी बड़ी बेटी को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैला रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमने मामले में उनके आरोपी होने की बात उठाई, फिर भी उन्हें राज्य का डीजीपी नियुक्त किया गया. उन्हें चार सीनियर अधिकारियों को पीछे छोड़ते हुए डीजीपी बनाया गया है. अब, वो मेरी बड़ी बेटी के चरित्र को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैला रहे हैं. वह लोगों से कह रहे हैं कि उसका अभिषेक के साथ अफेयर है.’
चक्रवर्ती ने कहा, ‘हम इस केस से पहले उसे (अभिषेक रंजन) जानते तक नहीं थे, पर वह हमारे लिए बड़ा मददगार साबित हुआ क्योंकि उस समय वो दिल्ली में था. अब, डीजीपी कह रहे हैं कि उनके बीच अफेयर है. मेरी बेटी रो रही है.’
सुप्रीम कोर्ट में 2012 में याचिका दायर करने वाले रंजन का कहना है कि पिछले चार-पांच वर्षों में उसे कई बार धमकियां मिली हैं और लोगों ने उसे मामले को आगे नहीं बढ़ाने की सलाह दी है.
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रंजन ने कहा, ‘इस दौरान मैं अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर डरा रहा, पर अब वह नवरुणा की बहन के चरित्र पर भी लांछन लगाने की कोशिश कर रहे हैं. उसकी बहन अदालतों में ये अंतहीन लड़ाई अकेले लड़ रही है और उसके साथ ये किया जा रहा है. वो वही काम कर रही है जो सबरीना ने जेसिका (लाल) के लिए किया था.’
मामला सीबीआई को सौंपे जाने के बावजूद तेजी नहीं
नवरुणा के अपहरण के बाद चक्रवर्ती परिवार के घर के निकट एक नाले से एक कंकाल बरामद हुआ था. डीएनए परीक्षण के बाद कंकाल नवरुणा का बताया गया था.
पांच साल पहले मामला सीबीआई को सौंपे जाने के बावजूद अभी तक जांच कार्य पूरा नहीं हुआ है.
चक्रवर्ती ने कहा, ‘पूरी आईपीएस लॉबी अपने अधिकारी को बचा रही है. हमने अपनी एक बेटी को खो दिया और तब से मैं विभिन्न प्रकार के हृदयरोगों से जूझ रहा हूं. हमारी बड़ी बेटी हमारी ताकत है. वह अदालतों के चक्कर काट रही है और राज्य का शीर्ष पुलिस अधिकारी उसे बदनाम करने के लिए उसके चरित्र पर सवाल उठा रहा है.’
पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए 2009 में नौकरी छोड़ दी थी, पर उसके नौ महीने बाद ही बिहार सरकार ने विवादास्पद रूप से उन्हें फिर से सेवा में बहाल कर दिया था.
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