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Friday, 8 November, 2024
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किसानों ने ‘भारत बंद’ कर रेल की पटरियां जाम की- 4 शताब्दी ट्रेनें रद्द, 31 रेलगाड़ियां रुकीं

उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया, 'सुबह 9 बजे आंदोलनकारी किसान 32 स्थानों पर बैठे हुए देखे गए हैं. अब तक कुल 31 ट्रेनों को रोका गया है. चार शताब्दी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है.'

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नई दिल्ली : बीते करीब चार महीनों से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों के ‘भारत बंद’ के आह्वान के तहत शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने पंजाब और हरियाणा में 32 स्थानों पर रेल पटरियों को अवरूद्ध कर दिया, जिससे रेल यातायात बाधित हुआ.

रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि विरोध प्रदर्शनों के कारण चार शताब्दी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और 31 अन्य ट्रेनें रुकी हुई हैं.

जिन 32 स्थानों पर ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई है, वे दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर रेलखंड के अंतर्गत आते हैं.

उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया, ‘सुबह 9 बजे आंदोलनकारी किसान 32 स्थानों पर बैठे हुए देखे गए हैं. अब तक कुल 31 ट्रेनों को रोका गया है. चार शताब्दी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है.’ संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने दिल्ली के सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक बंद का आह्वान किया है.

गौरतलब है कि मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर बीते करीब चार महीनों से डेरा डाले हुए हैं. ये किसान तीनों नए कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द करने और अपनी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.

पंजाब, हरियाणा में किसान राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रमुख सड़कों पर इकट्ठा हुए

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के तहत शुक्रवार सुबह पंजाब और हरियाणा में कई राष्ट्रीय राजमार्गों, प्रमुख सड़कों और कुछ रेलवे पटरियों पर किसान एकत्र हुए.

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के अनुसार, दिल्ली के सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर आज सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक भारत बंद का आयोजन किया जा रहा है.

एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा उपायों के तहत दोनों राज्यों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

किसान बठिंडा, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला, मोहाली, रोहतक, झज्जर और भिवानी जिलों सहित दोनों राज्यों में कई जगहों पर कई राजमार्गों और सड़कों पर एकत्र हुए हैं.

पंजाब के जीरकपुर और खरार कस्बों में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने कहा कि वे एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन वाहनों को जाने की अनुमति दे रहे हैं.

पुलिस ने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने अंबाला-दिल्ली राजमार्ग को अंबाला कैंट के पास अवरुद्ध कर दिया.

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य समूह ने अंबाला कैंट से करीब पांच किलोमीटर दूर शाहपुर गांव के पास एक रेलवे पटरी को जाम कर दिया, जिसके कारण दिल्ली और सहारनपुर के बीच चलने वाली सभी ट्रेनें फंसी हुई हैं.

किसानों ने शंभू बैरियर के पास हरियाणा-पंजाब सीमा पर अम्बाला-राजपुरा राजमार्ग और अम्बाला सिटी के पास अम्बाला-हिसार राजमार्ग को भी अवरूद्ध कर दिया.

पुलिस ने बताया कि हरियाणा के नारायणगढ़ और मुलाना में विभिन्न राजमार्गों पर नाकाबंदी की गई.

विरोध प्रदर्शन करने वाली यूनियनों के एक संयुक्त संगठन एसकेएम ने प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की कि वे बंद के दौरान शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करें और किसी भी तरह के गैर-कानूनी विवाद और संघर्ष में शामिल न हों.

एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘संपूर्ण भारत बंद के तहत सभी दुकानें, मॉल, बाजार और संस्थान बंद रहेंगे. सभी छोटी और बड़ी सड़कों और ट्रेनों को अवरुद्ध कर दिया जाएगा. एम्बुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं निलंबित रहेंगी. भारत बंद का प्रभाव दिल्ली के भीतर भी देखा जाएगा.’

किसान नेताओं ने कहा है कि सड़क और रेल परिवहन रोका जाएगा . उन्होंने दावा किया कि बाजार भी बंद रहेंगे.

उन्होंने यह भी दावा किया कि संगठित और असंगठित क्षेत्रों और परिवहन तथा अन्य संगठनों के ट्रेड यूनियनों ने भी भारत बंद के आह्वान को समर्थन दिया है.

इस बीच, सिखों की शीर्ष धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने भी देशव्यापी विरोध का समर्थन किया है.

एसजीपीसी अध्यक्ष जागीर कौर ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत बंद के समर्थन में शुक्रवार को एसजीपीसी के कार्यालय बंद रहेंगे.

एसकेएम द्वारा जारी बयान में दावा किया गया है कि विभिन्न किसान संगठनों, ट्रेड यूनियनों, छात्र संगठनों, बार संघों, राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए उसके आह्वान का समर्थन किया है.

मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली के सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर करीब चार माह से डेरा डाले हुए हैं. ये किसान तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और इन्हें पूरी तरह से रद्द करने और अपनी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.

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