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Sunday, 22 December, 2024
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बंगाल HC ने मौत की सजा पाए 2 पाकिस्तानियों समेत लश्कर के 4 आतंकी बरी किए

चारों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की ‘साजिश’ रचने का दोषी पाया गया था और 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी गयी थी.

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कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए मौत की सजा पाने वाले दो पाकिस्तानी नागरिकों समेत लश्कर-ए-तैयबा के चार आतंकवादियों को सोमवार को बरी कर दिया.

हालांकि, अदालत ने उन्हें अन्य अपराधों के लिए सजा सुनायी.

चारों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की ‘साजिश’ रचने का दोषी पाया गया था और 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी गयी थी.

न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अनन्या बंदोपाध्याय की खंडपीठ ने चारों दोषियों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के तहत आरोपों से बरी कर दिया. पीठ ने निर्देश दिया कि दो पाकिस्तानी नागरिकों मोहम्मद युनूस तथा मोहम्मद अब्दुल्ला को उनके देश वापस भेजा जाए. ये दोनों पहले ही सजा काट चुके हैं.

अदालत ने निर्देश दिया कि दोनों भारतीय नागरिक आईपीसी की धारा 121ए के तहत देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने का षडयंत्र रचने का दोषी पाए गए और सजा की अवधि पूरी कर चुके है. अदालत ने कहा कि मुजफ्फर अहमद राठेर को सुधार गृह से रिहा किया जाए जबकि एस के नयीम को एक अन्य मामले के संबंध में दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत के समक्ष पेश किया जाए.

खंडपीठ ने मौत की सजा देने वाली एक सत्र अदालत के फैसले के खिलाफ अपीलों पर दिए अपने आदेश में कहा, ‘आईपीसी की धारा 121 के तहत बरी किए जाने के मद्देनजर अपीलकर्ताओं को मिली मौत की सजा तथा 50-50 हजार रुपये के जुर्माने को रद्द किया जाता है.’

अदालत ने कहा कि आपराधिक ताकत का प्रदर्शन कर लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की संप्रभुता को आतंकित करने या युद्ध छेड़ने की साजिश रचने से संबंधित आईपीसी की धारा 121ए के तहत अपराध गंभीर प्रकृति का है तथा इसमें ‘एक ऐसे आतंकवादी संगठन से प्रेरित सदस्य शामिल हैं, जिसका उद्देश्य देश में आतंक फैलाना तथा राष्ट्र को अस्थिर करना है.

अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता ऐसे लोग नहीं हैं जो आतंकवादी संगठन के शीर्ष पद पर बैठे थे. अदालत ने कहा कि वे ऐसे योद्धा हैं जिन्हें संगठन की गतिविधियों के लिए लालच देकर या बलपूर्वक भर्ती किया गया.

अदालत ने कहा, ‘चूंकि मोहम्मद युनूस और मोहम्मद अब्दुल्ला अपनी सजा पूरी कर चुके हैं तो उचित प्राधिकारियों को उन्हें उनके मूल देश यानी पाकिस्तान भेजने का निर्देश दिया जाता है.’

गौरतलब है कि उत्तर 24 परगना जिले की एक अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों मोहम्मद युनूस, मोहम्मद अब्दुल्ला और मुजफ्फर अहमद राठेर को जनवरी 2017 में मौत की सजा सुनायी थी तथा चौथे आतंकवादी अब्दुल नयीम को दिसंबर 2018 में ‘देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने’ के लिए मृत्युदंड दिया था.


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