scorecardresearch
Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशआरोग्य सेतु में डेटा पूरी तरह सुरक्षित, 8.2 करोड़ लोग कर चुके हैं डाउनलोड

आरोग्य सेतु में डेटा पूरी तरह सुरक्षित, 8.2 करोड़ लोग कर चुके हैं डाउनलोड

आरोग्य सेतु से भारत सरकार केवल मेडिकल इमरजेंसी जैसी सुविधा के लिए ही यूजर्स के डेटा उपयोग करेगी और ये एप किसी की पहचान को उजागर नहीं करेगा.

Text Size:

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के बीच पीएम नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जारी किए गए मोबाइल एप आरोग्य सेतु के लॉन्च के एक महीने के अंदर ही इसको 8.2 करोड़ भारतीय डाउनलोड कर चुके हैं. एप की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों को रफा-दफा करते हुए मायजीओवी.इन (mygov.in) वेबसाइट  के अधिकारी कहते है कि एप से डेटा और जानकारी चुराना एप का मकसद नहीं और इस पर शक करना बेमानी है.

कोविड-19 की जानकारी आम जनता को मुहैया कराए जाने और लोगों को होने वाले फायदे को लेकर माय गवर्नमेंट के सीईओ अभिषेक सिंह ने दिप्रिंट को बताया, ‘आरोग्य सेतु एप को एनआईसी और तकनीकी टीम ने बनाया है, एप में साइन इन करने में एक आईडी जेनरेट होती है और वह उस नंबर के व्यक्ति को ही मिलती है. इसके बाद इस एप में आगे बढ़ने के लिए आपसे कई सवाल पूछे जाएंगे जिसके बाद आप यह जान सकेंगे कि आप कोरोना से कितने सुरक्षित हैं. ‘

वह आगे बताते हैं, ‘इस एप को डाउनलोड करने वाले व्यक्ति को कोरोना के रिस्क जोन में जाने या किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति से कांटेक्ट होने पर ही नोटिफिकेशन आता है.’


यह भी पढ़ें: कोविड ने साबित किया है कि हमने लाइफ साइंस अनुसंधान पर पर्याप्त खर्च नहीं किया है, अब समय कुछ करने का है


आरोग्य सेतु एप से जुड़ी जानकारियों के विषय दिप्रिंट से खास बातचीत में सिंह बताते हैं, ‘भारत सरकार केवल मेडिकल इमरजेंसी जैसी सुविधा के लिए ही यूजर्स के डेटा का उपयोग करेगी. इसके अलावा किसी भी अन्य काम में इस डेटा का प्रयोग नहीं होगा. वहीं ये एप किसी भी की पर्सनल आईडी को उजागर नहीं करेगा. कोविड संक्रमित मरीज की जानकारी किसी भी व्यक्ति को साझा नहीं करेगा. सामान्य व्यक्ति का 30 दिनों के बाद हम सर्वर से डेटा हटा देते है. वहीं कोरोना संक्रमित मरीज का डेटा 60 दिन में हटा देने का प्रावधान भी रखा है.’

इसके डेटा के उपयोग करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘यदि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है या बीमारी होती है तो उसकी लोकेशन डेटा को उपयोग किया जाएगा. इसकी मदद से उसके आसपास के क्षेत्र के बारे में भी जानकारी निकाली जा सकेगी. इसके अलावा वह व्यक्ति कहां-कहां गया है यह भी आसानी से पता किया जा सकेगा. इसके पीछे उद्देश्य लोगों को सतर्क करना है. वहीं संक्रमित व्यक्ति पाए जाने वाले क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टि से सैनेटाइज करना है. ताकि स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन यहां पर विशेष निगाह रख सके और यह रोग ज्यादा क्षेत्रों में नहीं फैले. इसके अलावा लोकेशन डेटा कही उपयोग नहीं किया जाएगा.’

बढ़ रही है लोकप्रियता

अभिषेक सिंह कहते हैं कि फिलहाल हम राज्यों में सभी स्मार्ट फोन रखने वालों को इस एप को डाउनलोड करने के लिए कह रहे हैं. इसको अभी तक 8.2 करोड़ भारतीय डाउनलोड कर चुकें है. इस एप को सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 1.25 करोड़, महाराष्ट्र में 95 लाख और गुजरात में 52.44 लाख लोगों ने लोड किया है. लक्ष्यद्धीप में फिल्हाल 1200 लोगों ने ही इसे डाउनलोड किया है. ‘हमारी कोशिश है कि इस एप को ज्यादा लोग डाउनलोड कर लें. क्योंकि इस एप का फायदा तभी है जब इसे अधिक से अधिक लोग लोड करें जिससे सरकार आसानी से संक्रमितों को ट्रेस कर सके.

इस एप की बुजुर्गों तक पहुंच बहुत बनाने के सवाल पर सिंह कहते हैं, ‘फिल्हाल इस एप को सबसे ज्यादा डाउनलोड युवा कर रहे हैं. हमने टेलीफोन के माध्यम से सर्वे भी किया था कि क्या कारण है जो लोग इसे डाउनलोड नहीं कर पा रहे है तो ये बात सामने आई कि बुज़ुर्ग लोग इसे डाउनलोड तो करना चाहते है लेकिन उन्हें कोई समझाने वाला नहीं मिल रहा, या वह समझ ही नहीं पा रहे है कि इसे कैसे इंस्टाल करना है. आज देश में कई लोगों के पास स्मार्ट फोन तो है लेकिन वह यह समझ नहीं पाते है कि डाउनलोड क्या होता है और इसे कैसे करना होता है.

बुजुर्ग लोगों तक पहुंचने बनाने के सवाल पर अभिषेक सिंह कहते है कि चूंकि अभी लॉकडाउन चल रहा है इसलिए ये लोग किसी भी मोबाइल की दुकानवालों की मदद से भी एप को डाउनलोड नहीं कर सकते. इसलिए हम ही खुद ही कैंपेन चला कर युवा लोगों से आग्रह कर रहे हैं वह अपने घर और आसपास के बुजुर्गों और अन्य लोगों को इसे लोड करवाने में मदद करें.


यह भी पढ़ें: स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोनावायरस के मामूली लक्षण वाले लोगों को घर में ही आइसोलेशन में रहने को लेकर दिए गए नए दिशा-निर्देश


इसके अलावा केंद्र सरकार की तरफ से एक शार्ट वीडियो बनाया गया है जिसमें इसे लोड करने के तरीके समझाए गए हैं कि लोग इसे देख कर इस एप को मोबाइल में इंस्टाल कर सकें. देशभर में तीन लाख कॉमन सर्विस सेंटर है जिन्हें निर्देशित किया गया है कि वे इनकी मदद करें. इन सर्विस सेंटर्स ने अभी तक करीब डेढ़ लाख करोड़ लोगों का एप डाउनलोड करवा दिया है. गांवों और दूरस्थ इलाकों में इसके प्रचार-प्रसार के लिए हमने फिल्म स्टार और क्रिकटरों के साथ एक कैंपेन भी लांच किया है.

एप का आईडिया

आरोग्य सेतु एप 15 दिनों के अंदर बनकर तैयार हुआ है. इसमें भारत सरकार के अधिकारी, प्राइवेट सेक्टर के कुछ लोग, प्रशासनिक अधिकारी, नई तकनीक के जानकार लोगों ने सहयोग दिया है. इसी तरह का एप पहले सिंगापुर में बना था. सिंह कहते है ‘ट्रेस टुगेदर एप’ के आधार पर ही हमने इस एप को बनाया है. उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि यह एप बैटरी का ज्यादा उपयोग कर रहा है. यह बहुत ही लाइटवेट एप है. यह उतनी ही बैटरी उपयोग करता है जितना फेसबुक,वाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया एप करते है. यह पूरा डेटा फ्री है. बैटरी सेविंग मोड में भी चलता है.

इस एप की लगातार कई लोग मॉनिटरिंग करते है. इसके अलावा पीएमओ, गृहमंत्रालय के अलावा अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों को इसकी रियल टाइम अपडेट मिलती रहती है.

ये एप तभी कारगर होगा जब इसको डाउनलोड करने वाला सही जानकारी दें. जिन लोगों को कोरोना के लक्षण लगते हैं, तो एप की तरफ से उन्हें फोन कॉल भी जाता है. इसके बाद उन्हें डॉक्टरों से भी बात करवाई जाती है. फिर उन लोगों को सुझाव दिया जाता है कि उनके स्वास्थ्य के लिए क्या बेहतर है औऱ आपको स्वास्थ्य की दृष्टि से क्या कदम उठाने चाहिए.

एप को लांच हुए एक माह भी नहीं हुआ है कमियों या और अधिक जानकारी के हिसाब से हम इसको आगे भी अपडेट करते रहेंगे . इसी एप के जरिए जल्द ही लोगों को ई—पास मिल सकेगा साथ ही लोग तुरंत डॉक्टर से भी संपर्क कर सकेंगे. इसके अलावा जियो के कुछ स्मार्ट फोन और आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए भी कुछ बदलाव लाये जा रहे हैं. इसके बाद करीब 11 करोड़ जियो के फोन पर भी यह एप आ जाएगा.

उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास स्मार्ट फोन नहीं है सरकार उनके लिए खास तैयारी कर रही है. सरकार ऐसे लोगों के लिए आईवीआरएस का मोड्यूल (कंप्यूटर द्वारा स्वचालित ) बनाकर उन्हें फोन कर जानकारी लेने की दिशा में काम करने पर विचार कर रही है. उनके लिए 1921 नंबर का उपयोग किया जाएगा साथ ही आईवीआारएस से फोन कॉल जाएगा. फिर उनके स्वास्थ्य की जांच भी की जाएगी. यह सुविधा भी एक या दो दिन में शुरु हो रही है.

share & View comments