scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होमडिफेंसजनरल पांडे ने संभाला सेना प्रमुख का पद, कहा- सुधारों, पुनर्गठन और परिवर्तन पर फोकस करना चाहता हूं

जनरल पांडे ने संभाला सेना प्रमुख का पद, कहा- सुधारों, पुनर्गठन और परिवर्तन पर फोकस करना चाहता हूं

सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने कहा, 'मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता संघर्ष के पूरे स्पेक्ट्रम में वर्तमान, समकालीन और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए ऑपरेशन की तैयारियों के उच्च मानकों को सुनिश्चित करना होगा.

Text Size:

नई दिल्ली: जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को थल सेना प्रमुख के तौर पर पदभार संभाला. पद संभालने के बाद जनरल मनोज पांडे रविवार को दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल गए. वहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद उन्हें साउथ ब्लॉक परिसर में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

‘हमारे सामने कई चुनौतियां हैं’

सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने कहा, ‘मेरे लिए ये गर्व की बात है कि मुझे थल सेना के नेतृत्व का दायित्व सौंपा जा रहा है जिसे मैं पूरी विनम्रता से स्वीकार करता हूं. भारतीय सेना का एक गौरवशाली इतिहास रहा है जिसने देश की सुरक्षा और अखंडता को कायम रखने के कार्य में बखूबी काम किया है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘उसी प्रकार थल सेना का देश निर्माण में उतना ही योगदान रहा है. मैं देशवासियों को आश्वासन देना चाहता हूं कि भारतीय सेना स्वतंत्रता ,स्वाधीनता और समानता पर पूरी तरह प्रतिबद्ध है. मेरी कोशिश रहेगी कि पूर्ववर्तियों द्वारा किए गए अच्छे काम को मैं आगे बढ़ाऊं.’

सेनाध्यक्ष पांडे ने कहा, ‘भू-राजनीतिक स्थिति तेजी से बदल रही है और हमारे सामने कई चुनौतियां हैं. भारतीय सेना का कर्तव्य है कि वो अन्य सेनाओं के साथ समन्वय करके किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहे. मेरी कोशिश रहेगी कि मुझसे पहले जो काम किए गए, उनको आगे बढ़ाया जा सके.’


यह भी पढ़ें: साफ बताइए कि ‘आत्मनिर्भरता’ से आपका क्या मतलब है और आप यह क्यों चाहते हैं


 

‘इंटर-सर्विस कॉरपोरेशन बढ़ाना उद्देश्य होगा’

सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने कहा, ‘मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता संघर्ष के पूरे स्पेक्ट्रम में वर्तमान, समकालीन और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए ऑपरेशन की तैयारियों के उच्च मानकों को सुनिश्चित करना होगा. क्षमता विकास और आधुनिकीकरण के मामले में, मेरी कोशिश ‘आत्मनिर्भर भारत’ के माध्यम से नई तकनीकों को लाने की होगी.’

उन्होंने कहा, ‘मैं चल रहे सुधारों, पुनर्गठन और परिवर्तन पर फोकस करना चाहता हूं ताकि सेना की ऑपरेशनल शक्ति को बढ़ाया जा सके. इंटर-सर्विस कॉरपोरेशन बढ़ाना उद्देश्य होगा. मैं अन्य दो सेना प्रमुखों को अच्छी तरह से जानता हूं. यह तीनों सेनाओं के बीच तालमेल, सहयोग और संयुक्त कौशल की अच्छी शुरुआत है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम तीनों मिलकर काम करेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा के लिए चीजों को आगे बढ़ाएंगे.’

कौन है जनरल मनोज पांडे

जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को जनरल एम.एम. नरवणे के सेवानिवृत्त होने के बाद 29वें थल सेना प्रमुख के तौर पर पदभार संभाला है.

उप थल सेना प्रमुख के तौर पर सेवाएं दे चुके जनरल पांडे बल की इंजीनियर कोर से सेना प्रमुख बनने वाले पहले अधिकारी बन हैं. जनरल पांडे ने ऐसे समय में थल सेना की कमान संभाली है, जब चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर चुनौती सहित कई सुरक्षा चुनौतियों का भारत सामना कर रहा है.

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अपने करियर के दौरान अंडमान निकोबार कमान के प्रमुख के तौर पर भी सेवा दे चुके हैं. अंडमान निकोबार कमान भारत में तीनों सेनाओं की एकमात्र कमान है.

पांडे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के छात्र रह चुके हैं और उन्हें दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स (द बॉम्बे सैपर्स) में शामिल किया गया था. उन्होंने अपने बेहतरीन करियर में कई अहम पदों पर काम किया और विभिन्न इलाकों में आतंकवाद रोधी अभियानों में भाग लिया.

उन्होंने जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान नियंत्रण रेखा के पास एक इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली थी. इसके अलावा उन्होंने पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में एक पर्वतीय डिवीजन और पूर्वोत्तर में एक कोर की भी कमान संभाली.

वायुसेना ने एक ट्वीट में कहा, ‘एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी और वायुसेना के सभी कर्मी 29वें थलसेना प्रमुख के रूप में पदभार संभालने पर जनरल मनोज पांडे को बधाई देते हैं.’

share & View comments