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Sunday, 22 September, 2024
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आंध्र प्रदेश के सरकारी कर्मियों की हड़ताल जारी रहेगी, सरकार के साथ वार्ता विफल

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अमरावती, एक फरवरी (भाषा) वेतन संशोधन मुद्दे पर आंदोलनकारी कर्मियों एवं आंध्र प्रदेश सरकार के बीच मंगलवार को वार्ता विफल हो गई, जिसके बाद वेतन संशोधन आयोग (पीआरसी) संघर्ष समिति ने घोषणा की कि वह प्रस्तावित आंदोलन कार्यक्रम पर आगे बढ़ेगी, जिसमें सात फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना भी शामिल है।

संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा कि तीन फरवरी को प्रस्तावित ‘चलो विजयवाड़ा’ कार्यक्रम बड़े पैमाने पर होगा।

दूसरी तरफ, सरकार ने कहा कि यदि कर्मियों की कोई शिकायत है तो उसका निवारण करने और चीजों को ठीक करने के लिए ‘विसंगति निवारण समिति’ गठित करने को तैयार है ।

मुख्य सचिव समीर शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ पीआरसी के क्रियान्वयन के बाद कुछ विसंगतियां होंगी। विसंगति निवारण समिति सभी मुद्दों की जांच करेगी और सरकार उस पर कदम उठायेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कृपया, हड़ताल का अपना विचार वापस ले लीजिए। यह आत्मघाती है। इससे किसी को भी फायदा नहीं है।’’

बहरहाल, सरकार ने सभी कर्मियों को संशोधित वेतमान -2022 के हिसाब से जनवरी की तनख्वाह देना शुरू कर दिया है।

इस बीच, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एम सत्यनारायण मूर्ति की पीठ ने निर्देश दिया कि पीआरसी आदेश के क्रियान्वयन के दौरान राज्य सरकार के किसी भी कर्मी के वेतन से कोई रिकवरी नहीं की जाएगी। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा देने का निर्देश दिया एवं मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी तय की।

खंडपीठ आंध्र प्रदेश राजपत्रित अधिकारी एसोसिएशन के अध्यक्ष के कृष्णैया की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 17 जनवरी को जारी किये गये वेतन संशोधन आदेश को चुनौती दी गयी है और कहा गया है कि इससे महंगाई भत्ता, आवास भत्ता घटेगा एवं शहर क्षतिपूर्ति भत्ता पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

भाषा

राजकुमार दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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