नई दिल्ली: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी की 36 दिनों की लुका-छुपी के बाद रविवार को उसकी गिरफ्तारी हुई, जिसके बाद सिंह को पंजाब पुलिस द्वारा असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया.
पंजाब पुलिस अमृतपाल को ट्रांजिट रिमांड के तहत असम के जेल ले जाया गया हैं. अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद उसे पंजाब या फिर दिल्ली के किसी जेल की जगह असम ले जाए जाने के पीछे सुरक्षा से जुड़े कई कारण हैं.
वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल को पंजाब के जेल ले जाए जाने से राज्य में तनाव बढ़ने की आशंका है, साथ ही अमृतपाल अपने समर्थकों को भड़काकर राज्य में माहौल बिगाड़ सकता है.
अमृतपाल एवं उसके साथियों को पंजाब या फिर पास के किसी अन्य राज्य के जेल ले जाने से अजनाला पुलिस स्टेशन जैसी हिंसा की घटना होने ही आशंका के मद्देनज़र पंजाब पुलिस ने देश और राज्य की सुरक्षा को देखते हुए, उसे एवं उसके साथियों को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजने का फैसला किया.
बता दें की अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी से पहले उसके प्रमुख साथी पपलप्रीत समेत कई अन्य को गिरफ्तार कर असम के डिब्रूगढ़ जेल ही ले जाया गया था.
अमृतपाल सिंह के करीबी पपलप्रीत सिंह को पंजाब पुलिस और पंजाब काउंटर- इंटेलिजेंस ने एक संयुक्त अभियान चलाकर 10 अप्रैल को गिरफ्तार किया था और उसे डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था.
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अमृतपाल की गिरफ्तारी पर ट्वीट कर राज्य के लोगों एवं उसके समर्थकों से पंजाब में शांति बनाए रखने की अपील की ताकि राज्य में किसी भी प्रकार की कोई हिंसा न हो.
उन्होंने ट्वीट किया, “पंजाब की ‘आप’ सरकार किसी भी हालत में पंजाब की शांति भंग नहीं होने देगी. लोगों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है. हमने दिखा दिया कि ज़रूरत पड़ने पर लोगों के लिए हम सख़्त से सख़्त कदम लेने की भी हिम्मत रखते हैं. सब लोग शांति बनाये रखें.”
अमृतपाल के करीबी सहयोगी पपलप्रीत सिंह समेत अन्य आठ सहयोगी पहले से ही हाई सिक्योरिटी वाली जेल में बंद हैं, जो उनके गृह राज्य पंजाब से सैकड़ों किलोमीटर दूर है.
डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल के चाचा, एक फाइनेंसर, एक मीडिया सलाहकार, सुरक्षा गार्ड सहित कुल नौ लोग बंद हैं.
पपलप्रीत सिंह, दलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह उर्फ बाजेके, गुरमीत सिंह बुक्कनवाल, बसंत सिंह दौलतपुरा, हरजीत सिंह, वरिंदर सिंह उर्फ फौजी, वरिंदर सिंह और गुरिंदर पाल सिंह असम की जेल में बंद हैं.
कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा से रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस अमृतपाल को पकड़ने के लिए लगातार अभियान चला रही थी और उसके साथियों को गिरफ्तार कर रही थी.
पिछले साल 17 अक्टूबर को अमृतपाल की ईसा मसीह के बारे में टिप्पणी के विरोध में ईसाई समुदाय के सदस्यों ने जालंधर की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया.
अमृतपाल तथा उसके साथियों पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा करने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और लोक सेवकों के काम में बाधा पैदा करने से जुड़े कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
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