पुणे, 25 अगस्त (भाषा) इन्फ्लुएंसर अथर्व सुदामे ने सांप्रदायिक सद्भावना संदेश देने वाले अपने एक वीडियो को विवादों में घिरने के बाद सोशल मीडिया से हटा लिया।
इन्फ्लुएंसर ने माफी मांगते हुए कहा कि उनका मकसद किसी की भावनाएं आहत करना नहीं था।
सुदामे ने हाल ही में एक रील इंटरनेट पर डाली थी, जिसमें वे पुणे की गणपति मूर्ति की दुकान पर जाते दिखते हैं।
बातचीत के दौरान दुकान मालिक का बेटा उन्हें “अब्बू” कहकर संबोधित करता है, जिससे पता चलता है कि मूर्तियां बेचने वाला मुस्लिम है।
यह जानकर दुकानदार असहज हो जाता है और कहता है कि वे चाहें तो मूर्ति किसी और से ले सकते हैं।
इस पर सुदामे कहते हैं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और संदेश देते हैं कि मूर्ति बनाने में भी अच्छे इरादे शामिल होते हैं।
हालांकि यह वीडियो कई लोगों को नागवार गुजरा।
कुछ ने सुदामे पर “सेक्युलर एजेंडा” थोपने का आरोप लगाया और उन्हें ट्रोल किया।
सुदामे ने विवाद बढ़ने पर वीडियो हटा दिया और कहा, “मेरा मकसद किसी की भावना आहत करना नहीं था। मैंने हमेशा हिंदू त्योहारों और संस्कृति पर वीडियो बनाए हैं। अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं क्षमाप्रार्थी हूँ।”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता रोहित पवार ने सुदामे का समर्थन करते हुए कहा कि वीडियो में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं था बल्कि उसने हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश दिया।
उन्होंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों से वीडियो में क्या गलत था, यह स्पष्ट करने की मांग की।
भाषा राखी जितेंद्र
जितेंद्र
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