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Friday, 22 November, 2024
होमदेशपीएम मोदी के अनुरोध के बाद कुंभ मेले से भीड़ छंटी, वापस जा रहे हैं साधु- संत

पीएम मोदी के अनुरोध के बाद कुंभ मेले से भीड़ छंटी, वापस जा रहे हैं साधु- संत

कुंभ को सांकेतिक किए जाने की पीएम की अपील के बाद हरिद्वार में महाकुंभ से प्रमुख अखाड़ों के संतों ने वापस जाना शुरू कर दिया है, जिसके बाद भीड़ में अचानक भारी कमी आई है.

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देहरादून: कोविड-19 के मामलों मे वृद्धि के चलते हरिद्वार में महाकुंभ से प्रमुख अखाड़ों के संतों ने वापस जाना शुरू कर दिया है, जिसके बाद भीड़ में अचानक भारी कमी आई है.

कई स्थानों पर भीड़ नहीं दिखी. आधिकारिक रूप से 30 अप्रैल को समाप्त होने वाले हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान यह अकल्पनीय नजारा है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को साधुओं से कुंभ के शेष हिस्से को सांकेतिक रखने की अपील की थी.

स्नान घाटों पर अब भीड़ दिखाई नहीं दे रही है, जहां 14 अप्रैल को भौतिक दूरी जैसे कोविड-19 नियमों की अनदेखी कर साधु और आम लोग शाही स्नान के दौरान गंगा में डुबकी लगाने के लिए उमड़ पड़े थे.


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जूना अखाड़ा भागीदारी समाप्त करने की घोषणा की

बता दें कि पीएम मोदी ने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि से बातचीत की थी और उनसे कोविड की चपेट में आए साधु-संतों का हाल चाल भी लिय़ा था. उसके बाद पीएम ने अनुरोध किया था कि कुंभ को सांकेतिक रखा जाए.

पीएम की अपील के कुछ घंटों के बाद ही देश में साधुओं के 13 प्रमुख अखाड़ों में से एक जूना अखाड़ा ने हरिद्वार कुंभ से अपनी भागीदारी समाप्त करने की घोषणा कर दी.

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने ट्वीट किया, ‘ भारत की जनता व उसकी जीवन रक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हमने विधिवत कुम्भ के आवाहित समस्त देवताओं का विसर्जन कर दिया है. #जूना अखाड़ा की ओर से यह कुम्भ का विधिवत विसर्जन-समापन है.’

उन्होंने इसके साथ ही फैसले की प्रति भी साझा की है जिसपर उनके, जूना अखाड़ा के संरक्षक हरि गिरि, सचिवों महंत मोहन भारत व महंत महेश पुरी के हस्ताक्षर हैं.

फैसले में कहा गया है कि कुंभ के सभी आवाहित देवताओं का विसर्जन अखाड़ा के संतों के साथ परामर्श के बाद जनहित में किया गया है.

इसमें कहा गया है, ‘देवताओं के विसर्जन के साथ हम सभी तीर्थों और सिद्धपीठों से भी प्रार्थना करते हैं कि वे हरिद्वार कुंभ मेला 2021 को विसर्जित-समापन घोषित करें.’


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