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Friday, 14 June, 2024
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कमलेश तिवारी की हत्या के बाद योगी सरकार के खिलाफ लगातार मुखर हो रहे ब्राह्मण संगठन

सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर ब्राह्मण संगठन कर रहे सरकार का विरोध, गिना रहे हैं ब्राह्मणों के साथ हो रहीं घटनाएं.

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लखनऊ : हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद योगी सरकार के खिलाफ आक्रोष तेज हो गया है. इस घटना को लेकर यूपी के ब्राह्मण वर्ग में काफी नाराजगी है. ब्राह्मणों के तमाम संगठन सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ मुखर हैं. लखनऊ, कानपुर, गोंडा, मिर्जापुर समेत तमान जिलों के कई ब्रहाम्ण संगठन योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं.

इनका कहना है कि पिछले 2.5 साल में ब्राह्मणों पर अत्याचार बढ़ा और कहीं उनकी सुनवाई नहीं की जा रही है. कमलेश तिवारी मर्डर केस समेत ब्राहम्णों के दर्जनों ऐसे मर्डर केस हैं जिनमें सरकार की ओर से घोर लापरवाही की गई. इसका खामियाजा पीड़ित पक्ष को भुगतना पड़ा. इसी कारण ब्राह्मणों में योगी सरकार के खिलाफ रोष बढ़ रहा है.

अखिल भारतीय ब्राहम्ण महासभा (रा.) के अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी का कहना है कि यूपी में उन्होंने तमाम सरकारें देखीं लेकिन ब्राह्मणों के साथ सबसे अधिक नाइंसाफी इस सरकार में हुई.

उनका आरोप है कि जब से योगी सरकार बनी है तब से लगातार ब्राह्मणों पर अत्याचार बढ़ा है. पिछले कुछ महीने में लगातार ब्राह्मणों की हत्या के मामले सामने आए. सीएम योगी आदित्यनाथ इनमें से किसी के घर मिलने नहीं गए जबकि चुनाव में ब्राह्मणों ने दिल खोलकर बीजेपी का साथ दिया. अब वह जातिवाद के दलदल में उलझे हैं. वे अपने लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं लेकिन ब्राह्मणों की उपेक्षा कर रहे हैं.

वहीं आखिल भारतीय ब्राह्मण संगठन महासंघ के अध्यक्ष असीम पांडे का कहना है कि पिछली सरकारों में भी ब्राह्मणों के साथ से हिंसा हुई लेकिन इस सरकार में ऐसे मामले अधिक बढ़ गए हैं. इसी कारण हम लोगों को सड़क पर उतरना पड़ रहा है सोशल मीडिया पर लिखना पड़ रहा है. अखिलेश सरकार के दौरान भी हम लोग मुखर थे लेकिन पिछले दो साल में ब्राह्मणों के साथ जितनी घटनाएं हुईं उतनी शायद ही कभी हुई हों. इसी कारण यूपी के तमाम ब्राह्मण संगठनों में आक्रोश है. उन्हें यूपी के 50 से अधिक ब्राह्मण संगठनों का समर्थन प्राप्त है.

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इन मामलों में सरकार पर मुखर हुए ब्राह्मण संगठन

यूपी में पिछले 2.5 साल में ऐसे तमाम मामले सामने आए जिनमें प्रदेश के ब्राह्मण संगठनों ने सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला-

कमलेश तिवारी हत्याकांड

बीते 18 अक्टूबर को लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई. इसे पुलिस शुरुआत में आपसी रंजिश का मामला बताती रही थी बाद में आरोपियों को गुजरात से गिरफ्तार किया गया. कमलेश के परिवार ने योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा में कटौती की गई. अखिलेश सरकार में उन्हें 15 सुरक्षा गार्ड मिले थे वहीं योगी सरकार में महज़ 2 मिले. कमलेश की मां ने मुआवजे में मिले 15 लाख रुपए लेने से भी इंकार कर दिया है. यूपी में तमाम ब्राह्मण संगठन मुआवजा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं.

विवेक तिवारी हत्याकांड

27 सितंबर 2018 को लखनऊ में एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की यूपी पुलिस के एक सिपाही ने हत्या कर दी. वह उस वक्त वह अपनी साथी (कलीग) को घर छोड़ने जा रहे थे. इस मामले में सरकार की ओर से पुलिस को खुली छूट दिए जाने को लेकर विपक्षी दलों ने तमाम सवाल उठाए थे.

झांसी में चार की आग लगाकर हत्या

झांसी में बीते 14 अक्टूबर को रात में सीपरी बाजार इलाके के निवासी जगदीश उदैनिया, उनकी मां कुमुद, पत्नी रजनी व बेटी मुस्कान की सोते समय जलाकर हत्या कर दी गई थी. चारों एक ही कमरे में सो रहे थे. इस मामले को लेकर तमाम ब्राह्मण संगठनों ने प्रदेशभर में प्रदर्शन किया.

रायबरेली हत्याकांड

26 जून 2017 को रायबरेली के अपटा गांव में दो गुटों के बीच हिंसा के बाद 5 ब्राह्मणों की हत्या कर दी गई. इस मामले में योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का भी विवादास्पद बयान आया था. उन्होंने कहा था कि मृतकों के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. उनक इरादे ठीक नहीं थे. स्वामी के इस बयान पर कई सवाल उठे थे.

– 19 अक्टूबर को मेरठ में वकील मुकेश शर्मा की हत्या कर दी गई. इस घटना के विरोध में मेरठ के ब्राह्मण संगठनों ने प्रदर्शन किया.

-9 अक्टूबर को बस्ती के एपीएन पीजी कालेज छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष आदित्य नारायण तिवारी को गोली मार दी गयी जिससे उनकी मौत हो गयी. पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है.

-16 सितंबर को मैनपुरी के भोगांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में 11वीं की छात्रा की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. विद्यालय व पुलिस प्रशासन फांसी लगाए जाने की बात कह रहा है. वहीं परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं. परिजनों व तमाम ब्राह्मण संगठनों द्वारा की गई भूख हड़ताल के बाद सरकार इस मामले की सीबीआई जांच कराने को तैयार हुई.

-चिन्मयानंद मामले में पीड़ित पक्ष भी ब्राह्मण समुदाय से है. इस मामले में योगी सरकार पर चिन्मयानंद को बचाने के आरोप लगे.

सोशल मीडिया पर कैंपेन

ब्राह्मण संगठनों के तमाम फेसबुक पेज पर भी योगी सरकार के खिलाफ जमकर लिखा जा रहा है.

उत्तरप्रदेश सरकार के बारे में हम झूठ नही फैलाते ये सच है इस सरकार में ब्राह्मणों का दमन किया जा रहा है रायबरेली में 5…

Brahman samaj यांनी वर पोस्ट केले बुधवार, १६ ऑक्टोबर, २०१९

ब्राह्मण समाज नाम से चलने वाले फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में लिखा है कि सूबे के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ब्राह्मण हैं लेकिन ब्राह्मणों पर हो रहे अत्याचारों पर चुप हैं. इस पोस्ट में रायबरेली कांड से लेकर झांसी में हुई हत्या का जिक्र है.

लगातार हो रहे ब्राह्मण समाज की हत्या से लोगो का, यानी कि मेरे ब्राह्मण समाज के जागरूक लोगो मे आक्रोश का माहौल…

Brahman The Hindu Warrior यांनी वर पोस्ट केले बुधवार, २३ ऑक्टोबर, २०१९

इसी तरह कमलेश तिवारी के समर्थन में ऐसे तमाम फेसबुक पेज व ट्विटर हैंडल से पोस्ट किए जा रहे हैं. कुछ ब्राह्मण संगठन ये दावा भी कर रहे हैं कि पिछले 11 दिनों में यूपी में 23 ब्राह्मणों की हत्या हुई है. ब्राह्मण- द वारियर नाम से चलने वाले फेसबुक से 23 अक्टूबर को ये पोस्ट भी किया गया है. इस पेज 75 हजार से अधिक फालोअर्स हैं.

उ0प्र0 में एक ब्राह्मण की चिता ठंडी नही हुयी कि दूसरी चिता जलने लगती है। आखिर क्यों और कब तक????

Brahman The Hindu Warrior यांनी वर पोस्ट केले शनिवार, १९ ऑक्टोबर, २०१९

ऐसे तमाम फेसबुक पोस्ट के जरिए योगी सरकार पर ब्राह्मणों की उपेक्षा के आरोप लगाए जा रहे हैं.


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लग चुके हैं ठाकुरवाद के आरोप

बता दें कि योगी सरकार पर विपक्षी दलों द्वारा ठाकुरवाद के आरोप लगातार लगते आ रहे हैं. योगी पर मंत्रालय व ब्यूरोक्रेसी में लगातार क्षत्रियों को बढ़ावा दिये जाने के आरोप लगे हैं. समाजवादी पार्टी के एमएलसी सुनील सिंह साजन ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा कि योगी सरकार में एक विशेष जाति को अधिक तवज्जो दी जा रही है. ‘क्षत्रिय कनेक्शन’ के कारण कुलदीप सिंह सेंगर व चिन्मयानंद को इतने लंबे समय तक बचाया गया. वह दोनों भी इसी जाति के हैं. वहीं सरकार में भी तमाम पदों पर एक विशेष जाति को तवज्जो दी जा रही है. दूसरी जाति वालों को इग्नोर किया जा रहा है. जबकि जब बीजेपी विपक्ष में थी तो सपा सरकार पर आरोप लगाती थी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद ने भी योगी सरकार को इस मुद्दे पर घेरा है. उन्होंने कहा है कि इस सरकार में ब्राह्मणों को नजरंदाज किया जा रहा है जबकि बीजेपी को ब्राह्मणों ने जमकर वोट किया फिर भी सरकार के अहम पदों पर उन्हें तवज्जो नहीं मिली. दिप्रिंट से बातचीत में जितिन ने तमाम उदाहरण भी गिनाए हैं.

बीजेपी ने आरोपों से किया इंकार

बीजेपी ने ऐसे सभी आरोपों से इंकार कर दिया है. यूपी बीजेपी के प्रवक्ता मनोज मिश्र ने कहा कि इस सरकार में किसी भी जाति को लेकर कोई भेदभाव नहीं किया गया. सोशल मीडिया पर कुछ विरोधियों द्वारा झूठ फैलाया जा रहा है. कमलेश तिवारी के मामले में गुजरात एटीएस की मदद से पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ लिया. ये सरकार की ही सख्ती का असर है. वहीं न संगठन व न सरकार दोनों के भीतर कोई जातिवाद नहीं है. सबका बराबर से सम्मान किया जा रहा है.
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