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Friday, 26 April, 2024
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कमलेश तिवारी के घर भड़काऊ भाषण देने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती गांधी पर भी कर चुके हैं अशोभनीय टिप्पणियां

सीतापुर में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा, 'कमलेश तिवारी ने इस्लामिक जिहाद के सामने खड़े होकर सनातन धर्म की लाज रखी और अपना बलिदान दिया.

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लखनऊ: हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद उनके परिजनों से मिलने घर पहुंचे गाजियाबाद के शिव शक्ति धाम डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में केस दर्ज कर लिया गया है. उन्होंने रविवार को कमलेश तिवारी के सीतापुर स्थित महमूदाबाद में घर के बाहर उनके परिजनों की मौजूदगी में भड़काऊ भाषण दिया था. इस दौरान नरसिंहानंद ने ‘देश को इस्लाम मुक्त, मुसलमान मुक्त’ बनाने का ऐलान भी किया था.

इसके बाद पुलिस ने एसआई रमेश चंद्र त्रिपाठी की शिकायत पर महमूदाबाद थाने में गंभीर धाराओं 295ए, 298, 504 में केस दर्ज किया है. इन धाराओं के अंतर्गत शांति भंग, अपमान करना, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला आता है. सीतापुर में नरसिंहानंद सरस्वती ने कमलेश तिवारी के परिजनों का पूरा साथ देने की भी बात कही थी.

सीतापुर में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था, ‘आज अगर हिंदू हित की बात कोई करता है तो उसे अपमानित और प्रताड़ित किया जाता है. योगी आदित्यनाथ जी की नाक के नीचे लखनऊ में हिन्दू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी जी की इस्लामिक तरीके से जघन्य हत्या करके इस्लाम के जिहादियों ने अपनी तैयारियों और ताकत का अहसास पूरी दुनिया को करवाया है. हिंदू अगर एकजुट नहीं हुए तो बहुत मुश्किल वक्त आने वाला है.’

‘कमलेश तिवारी को बताया बलिदानी, सरकार को चेताया’

सीतापुर में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा, ‘कमलेश तिवारी ने इस्लामिक जिहाद के सामने खड़े होकर सनातन धर्म की लाज रखी और अपना बलिदान दिया. अब कमलेश तिवारी का नाम सनातन धर्म के इतिहास में हमेशा के लिये स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है.’


यह भी पढ़ें: भड़काऊ पोस्ट, सुरक्षा में कमी और हत्यारों की ‘हड़बड़ी’, इन कारणों से उठ रहे कमलेश मर्डर केस पर सवाल


‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चाहिये की कमलेश तिवारी जी की सुरक्षा में घोर लापरवाही करने वाले तथा तिवारी जी के अंतिम संस्कार से पहले तिवारी जी की माता, पत्नी, परिवार और समर्थको से बर्बरतापूर्ण व्यवहार करने वाले पुलिस अधिकारियों को तुरन्त प्रभाव से बर्खास्त करें ताकी पुलिस प्रशासन हिन्दू संगठनों से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं को दोयम दर्जे का नागरिक समझना छोड़ दें.’

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यति नरसिंहानंद सरस्वती ने अपने फेसबुक पेज पर कमलेश तिवारी के साथ का वीडियो भी शेयर किया है जिसमें वह अल्पसंख्यकों पर टिप्पणी कर रहे हैं.

पं कमलेश तिवारी जी को जान से मारने की धमकी मुसलमानो ने दी थी …..शिवशक्ति धाम डासना, गाज़ियाबाद में परम आदरणीय अमर बलिदानी कमलेश तिवारी जी का स्वामी यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी के साथ का वो आखिरी वीडियो ….

Yati Narsinghanand Saraswati यांनी वर पोस्ट केले शुक्रवार, १८ ऑक्टोबर, २०१९

 

पहले भी ऐसे भाषण देते रहे हैं यति नरसिंहानंद सरस्वती

यति नरसिंहानंद सरस्वती पहले भी अपने बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं. उन्होंने बीती जनवरी अलीगढ़ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा द्वारा महात्मा गांधी को मारे जाने के कृत्य को ‘रीक्रियेट‘ करने का समर्थन किया था. उन्होंने इस कृत्य को ठीक बताया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीती 3 फरवरी को आगरा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने गांधीजी के बारे में कई अशोभनीय बातें भी कहीं थीं. उनके मुताबिक बोले, नाथूराम गोडसे पूजनीय है. डासना पीठाधीश्वर ने कहा कि गांधी की वजह से देश का बंटवारा हुआ.

जनसंख्या नियंत्रण बिल के हैं पक्षधर

वहीं बीते जून के महीने में अनशन भी शुरू किया था. उनका कहना था कि जब तक एक लाख युवा पांच-पांच बच्चे पैदा करने का संकल्प नहीं लेंगे, तब तक वह अनशन पर बैठे रहेंगे. कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग पूरी करने पर भी वह अड़े रहे थे.

बुलंदशहर हिंसा के बाद दिया था धरना

बुलंदशहर के स्याना में बीते 3 दिसंबर को गोकशी की सूचना के बाद भड़की हिंसा में मारे गए युवक सुमित और पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजे जीतू फौजी के मामले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने अनशन किया था. उनका कहना था कि गोकशी का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस ने अत्याचार किया है. उनके मुताबिक पुलिस निर्दोष लोगों को परेशान कर रही है. हिंदुओं का उत्पीड़न किया जा रहा है.

बता दें कि यति नरसिंहानंद सरस्वती गाजियाबाद के शिव शक्ति धाम डासना मंदिर के महंत हैं. वह पूर्व बीजेपी सांसद बीएल शर्मा को अपना गुरू मानते हैं. वह हिंदूवादी संगठनों के तमाम मुद्दे उठाते रहते हैं.

वहीं दूसरी तरफ गुजरात एटीएस ने गुजरात राजस्थान बॉर्डर के पास से कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में फरार दो आरोपी हत्यारों मोइनुद्दीन और अशफ़ाक को पकड़ा है.

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