scorecardresearch
Wednesday, 8 May, 2024
होमदेशAditya-L1 ने सोलर फ्लेयर्स की पहली हाई-एनर्जी एक्स-रे की झलक शेयर की, ISRO ने दी जानकारी

Aditya-L1 ने सोलर फ्लेयर्स की पहली हाई-एनर्जी एक्स-रे की झलक शेयर की, ISRO ने दी जानकारी

इसरो ने कहा कि आदित्य-एल1 पर लगे स्पेक्ट्रोमीटर ने लगभग 29 अक्टूबर, 2023 से अपनी पहली अवलोकन अवधि के दौरान सोलर फ्लेयर्स को रिकॉर्ड किया है.

Text Size:

नई दिल्ली: इसरो द्वारा अपने पहले सौर मिशन के लिए आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान से जुड़े एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर, HEL1OS ने सोलर फ्लेयर की पहली तस्वीरें ली.

इसरो ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट किया कि आदित्य-एल1 पर लगे स्पेक्ट्रोमीटर ने लगभग 29 अक्टूबर, 2023 से अपनी पहली अवलोकन अवधि के दौरान सौर ज्वालाओं के आवेगपूर्ण चरण को रिकॉर्ड किया है.

सोलर फ्लेयर सौर वातावरण का अचानक चमकना है. फ्लेयर्स विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में सभी तरंग दैर्ध्य में बढ़े हुए उत्सर्जन का उत्पादन करते हैं, जैसे कि रेडियो, ऑप्टिकल, यूवी, सॉफ्ट एक्स-रे, हार्ड एक्स-रे और गामा-रे.

27 अक्टूबर, 2023 को यह जानकारी मिली थी कि HEL1OS एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर वर्तमान में थ्रेसहोल्ड और अंशांकन संचालन की फाइन-ट्यूनिंग से गुजर रहा है. तब से यह कठिन एक्स-रे गतिविधियों के लिए सूर्य की निगरानी कर रहा है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

इसरो ने अपनी एक्स टाइमलाइन पर लिखा, “उपकरण तेज समय और उच्च-रिज़ॉल्यूशन स्पेक्ट्रा के साथ सूर्य की उच्च-ऊर्जा एक्स-रे गतिविधि की निगरानी करने के लिए सेट किया गया है.” HEL1OS डेटा शोधकर्ताओं को सोलर फ्लेयर के आवेगपूर्ण चरणों के दौरान विस्फोटक ऊर्जा रिलीज और इलेक्ट्रॉन त्वरण का अध्ययन करने में सक्षम बनाता है.

HEL1OS को बेंगलुरु में इसरो के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के स्पेस एस्ट्रोनॉमी ग्रुप द्वारा विकसित किया गया था.

अक्टूबर की शुरुआत में, भारत के पहले सौर मिशन को अंजाम देने वाले आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान ने लगभग 16 सेकंड के लिए प्रक्षेपवक्र सुधार पैंतरेबाज़ी (टीसीएम) का प्रदर्शन भी किया था.

अब तक की अपनी यात्रा में, अंतरिक्ष यान ने कुछ पृथ्वी-संबंधी युद्धाभ्यास और एक ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (टीएल1आई) सफलतापूर्वक युद्धाभ्यास किया है.

आदित्य-एल1 ने वैज्ञानिक डेटा एकत्र करना भी शुरू कर दिया है. STEPS (सुप्रा थर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर) उपकरण के सेंसर ने पृथ्वी से 50,000 किमी से अधिक दूरी पर सुपर-थर्मल और ऊर्जावान आयनों और इलेक्ट्रॉनों को मापना शुरू कर दिया है.

यह डेटा वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करेगा.

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद, इसरो ने 2 सितंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से देश का पहला सौर मिशन – आदित्य-एल1 लॉन्च किया था.

यह सूर्य का विस्तृत अध्ययन करने के लिए सात अलग-अलग पेलोड ले गया, जिनमें से चार सूर्य से प्रकाश का निरीक्षण करेंगे और अन्य तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे.


यह भी पढ़ें: भारत के पहले सौर मिशन आदित्य L1 ने अंतरिक्ष में ली सेल्फी, पृथ्वी और चांद को भी किया कैप्चर


 

share & View comments