कोकराझार (असम): असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि राज्य में आधार कार्ड को राशन कार्ड से जोड़ने के दौरान सरकार को 50 लाख लाभार्थियों का अंतर मिला है.
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार इसी महीने असम के आदिवासी उग्रवादी समूहों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर सकती है.
शर्मा ने बताया, ‘(आधार और राशन कार्ड को) जोड़ने के अभियान के बाद, हमें पता चला है कि करीब 50 लाख लाभार्थी (सेवा लेने के लिए) नहीं आए हैं. कुछ लोगों की संभवत: मृत्यु हो गई होगी जबकि कुछ लोग विवाह और अन्य कारणों से दूसरी जगह चले गए होंगे. दुर्भाग्य की बात यह है कि कुछ फर्जी नाम भी मिले हैं.’
कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि इन लापता लाभार्थियों के कारण सरकार के पास काफी धन की बचत होगी जिसका उपयोग वह सही लोगों को सूची में जोड़ने के लिए करेगी.
उन्होंने बताया, ‘हम राष्ट्र खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत नये 50 लाख लोगों को शामिल करेंगे. आज कैबिनेट की बैठक में इन बिन्दुओं पर चर्चा हुई.’
शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि ‘अरुनोदोई’ योजना के तहत करीब 62,000 लोग अपात्र पाये गए जबकि 2,000 लोगों ने स्वेच्छा से इस योजना के तहत लाभ लेने से मना कर दिया.
राज्य सरकार इस योजना के तहत करीब 20 लाख लाभार्थी परिवारों को मासिक 1,250 रुपये की राशि देती है.
उन्होंने कहा, ‘अरुनोदोई माह 20 सितंबर को समाप्त हो रहा है. हमें वास्तविक संख्या का ज्ञान तभी होगा. मैं आशा करता हूं कि जिन्हें बाहर किया गया है, उनके स्थान पर एक लाख नये लाभार्थी जोड़े जाएंगे.’
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार सितंबर में असम के आदिवासी उग्रवादी समूहों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर सकती है.
इस संबंध में विस्तृत जानकारी दिए बगैर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रक्रिया केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पहल के तहत पूरी की जा रही है.