सूरत: सूरत के आसपास हथकरघा उद्योग पटरी पर वापस आ रहा है. क्योंकि कपड़ा उद्योग ने लॉकडाउन के दौरान काम फिर से शुरू कर दिया है.
कपड़ा उद्योग, जो लगभग 80,000 करोड़ रुपये का व्यापार है, सूरत में दूसरा सबसे बड़ा आय स्रोत है.
लगातार बढ़े प्रतिबंधों और संक्रमणों के प्रकोप में मद्देनजर यह निरंतर वैसा काम नहीं कर पाया जैसा चल रहा था.
गुजरात महाराष्ट्र के बाद भारत में कोविड -19 से हुई मौत के मामलों में दूसरे स्थान पर है.
इस आपदा के दौरान कई मैनुफैक्चरिंग कंपनियों और डिज़ाइनर कपड़ों के निर्माताओं ने मांग के अनुरूप अपने आप को ढाल लिया है और ऐसे उत्पाद बनाना शुरू कर दिया है जिसकी अभी आवश्यकता है. ऐसी ही एक इकाई है सुनेजा फैशन फैब्रिक्स एंड लाइफस्टाइल, जिसके मालिक मुकेश सुनेजा हैं.
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यह पहले एक परिधान डिजाइन और सिलाई इकाई थी, अब एक सुरक्षा उपकरण (पीपीई) विनिर्माण इकाई में बदल गई है. यहां, पीपीई किट बनाने के लिए कच्चा कपड़ा निर्माताओं से खरीदा जाता है और फिर मशीनों का उपयोग करके मानव शरीर के आकार का रूप दिया जाता है
दिप्रिंट की रिपोर्टर सोनिया अग्रवाल और स्वागता यादवर ने कारखाने की कुछ तस्वीरें ली हैं, जो कोविड -19 वारियर्स के लिए प्रतिदिन 500 पीपीई किट का उत्पादन करती हैं.