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Wednesday, 13 August, 2025
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राखी बांधने आई नवविवाहित बहन की भाई को बचाते समय करंट लगने से मौत

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नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) रक्षाबंधन का त्योहार अपने भाई के साथ मनाने आई एक नवविवाहित बहन की उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के बेगमपुर स्थित अपने घर में बिजली का करंट लगने से मौत हो गई। उसके साथ ही उसके भाई की भी मौत हो गई।

अंजू (28) की शादी अभी तीन महीने पहले ही हुई थी। उसका 26 वर्षीय भाई विवेक सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था और उसका दो साल का एक बेटा भी है।

अपने बेटे को बचाने की कोशिश करते समय उनके (भाई-बहन) 65 वर्षीय पिता कालीचरण को भी बिजली का झटका लगा।

पुलिस के मुताबिक, घटना बुधवार रात करीब 10 बजे हुई जब विवेक अपने घर की सीढ़ियां चढ़ रहा था और इस दौरान वह लोहे के गेट के संपर्क में आ गया, जिसमें खराब तारों की वजह से करंट आ गया था। उसकी चीख सुनकर कालीचरण मदद के लिए दौड़े, लेकिन उसी गेट के संपर्क में आते ही वह भी करंट की चपेट में आ गए।

पुलिस उपायुक्त (रोहिणी) राजीव रंजन ने बताया कि घर के अंदर मौजूद अंजू शोर सुनकर अपने पिता और भाई की मदद के लिए दौड़ी लेकिन करंट लगने से उसकी भी मौत हो गई।

कालीचरण के बड़े भाई गिरिराज ने कहा, ‘‘शादी के बाद यह उनकी पहली तीज और आगामी रक्षाबंधन था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह पुल प्रहलादपुर स्थित अपने पति के घर से बेगमपुर स्थित अपने मायके आई थी और नौ अगस्त को रक्षाबंधन तक यहीं रहने की योजना बना रही थी। किसने सोचा था कि बंधन का यह त्योहार एक ही रात में एक बेटी और एक बेटे को छीन लेगा?’’

गिरिराज ने कहा, ‘‘अंजू की शादी तीन महीने पहले ही हुई थी। वह अपने भाई के साथ त्योहार का जश्न मनाने के लिए बहुत उत्साहित थी। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। उसे बचाने के लिए उसने अपनी जान दे दी।’’

परिवार का मुख्य कमाने वाला व्यक्ति विवेक स्कूल में गार्ड के रूप में काम करता था और घर चलाने के लिए वेल्डिंग के काम में अपने पिता की मदद करता था।

गिरिराज ने कहा, ‘‘कालीचरण तो अब घर लौट आया है, लेकिन उसके लिए अब बचा क्या है? उन्होंने एक झटके में अपने दोनों बच्चों को खो दिया। उसकी पत्नी बीमार है, और विवेक की पत्नी और छोटे बेटे का अब कोई सहारा नहीं है। हमारा परिवार एक पल में तबाह हो गया – इस एक त्रासदी ने हमारी पूरी ज़िंदगी बर्बाद कर दी।’’

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘यह मकान 50 वर्ग गज के भूखंड पर बना है और इसमें अत्यधिक असुरक्षित तथा खुले विद्युत तार हैं।’’

मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए संजय गांधी अस्पताल भेज दिया गया है।

भाषा

शुभम नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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