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Tuesday, 19 November, 2024
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तपेदिक के लक्षण वाले 64 प्रतिशत लोगों ने मेडिकल सहायता नहीं मांगी : सर्वेक्षण

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नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) केंद्र सरकार द्वारा 2019 से 2021 तक किए गए एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है कि तपेदिक (टीबी) के लक्षणों वाले 64 प्रतिशत लोगों ने स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं नहीं मांगी।

भारत में राष्ट्रीय तपेदिक प्रसार सर्वेक्षण की रिपोर्ट बृहस्पतिवार को विश्व टीबी दिवस के अवसर पर जारी की गई। इसके अनुसार चिकित्सा देखभाल नहीं लेने वालों के लिए कारणों में लक्षणों की अनदेखी (68 प्रतिशत), लक्षणों को टीबी के रूप में नहीं पहचानना (18 प्रतिशत) और स्व-उपचार (12 प्रतिशत) शामिल हैं।

सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि भारत में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में माइक्रोबायोलॉजिकल रूप से पुष्ट पल्मोनरी टीबी (पीटीबी) का प्रसार प्रति लाख जनसंख्या पर 316 था, जिसमें उच्चतम पीटीबी प्रसार दिल्ली में प्रति लाख 534 और केरल में प्रति लाख पर 115 का सबसे कम प्रसार था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सर्वेक्षण किए गए लोगों में पीटीबी संक्रमण का प्रसार 21.7 प्रतिशत था।

सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में सभी उम्र के लोगों लिए टीबी के सभी स्वरूपों का प्रसार वर्ष 2021 के लिए प्रति लाख जनसंख्या पर 312 था। इसके अनुसार सभी प्रकार के टीबी के लिए उच्चतम प्रसार दिल्ली में प्रति लाख पर 747 था और सबसे कम गुजरात में 137 था।

पंद्रह वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में टीबी के सभी स्वरूपों का प्रसार 31.4 प्रतिशत था।

भाषा अमित सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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