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Wednesday, 18 December, 2024
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हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 48% की कमी, जल्द पूरा होगा 0 बर्निंग का टारगेट- जे पी दलाल

दिप्रिंट को दिए एक विशेष इंटरव्यू में, जेपी दलाल ने किसान कल्याण के लिए हरियाणा में बीजेपी सरकार की नीतियों के बारे में बात की और सी2 फॉर्मूले के तहत एमएसपी देने के कांग्रेस के वादे को 'अव्यावहारिक' बताया.

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चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि राज्य में पिछले साल अक्टूबर और जनवरी 2022 के बीच पराली जलाने के मामलों में इस साल इसी अवधि में 48 प्रतिशत की गिरावट आई है, साथ ही कहा कि मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने “ज़ीरो बर्निंग” टारगेट को प्राप्त करने के बारे में आश्वस्त हैं.

दिप्रिंट को दिए एक विशेष इंटरव्यू में, दलाल ने पराली जलाने के मामलों का बेहतरीन प्रबंधन, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए राज्य सरकार का दृष्टिकोण, क्यों उन्हें लगता है कि कांग्रेस एक “डूबता जहाज” है और आगामी साल में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी के बारे में विस्तार से बातचीत की.

मंत्री, विशेष रूप से, भिवानी जिले के लोहारू से भाजपा विधायक हैं, जहां पिछले महीने गौ रक्षकों द्वारा कथित तौर पर मारे गए दो मुस्लिम पुरुषों के जले हुए शव पाए गए थे. इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि न तो मृतक और न ही आरोपी उनके क्षेत्र के रहने वाले हैं, ये उनके क्षेत्र को बदनाम करने की एक साजिश है और दोषियों को “कड़ी से कड़ी सजा” दी जानी चाहिए.

‘पराली के मामलों में 48% गिरावट ‘

हर साल अक्टूबर-नवंबर में दिल्ली-एनसीआर में होने वाले प्रदूषण में पराली का बहुत अधिक योगदान होता है. हालांकि, इस साल राज्य ने इन मामलों के प्रबंधन में बेहतर भूमिका निभाई है.

पराली जलाने के मुद्दे पर, मंत्री ने कहा कि ये सच है कि पराली से प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन “दिल्ली में डस्ट, इंडस्ट्री और स्थानीय समस्याओं के कारण भी प्रदूषण होता है.”

कृषि मंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि केजरीवाल की मानसिकता किसानों को परेशान करने की है, लेकिन दिल्ली में तो पूरे साल प्रदूषण रहता है. उन्होंने कहा, “सरकारों पर इल्ज़ाम लगाना आसान है. चूंकि पंजाब में भी उनकी सरकार है इसलिए इस साल उन्होंने किसानों को नहीं बल्कि हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया है.”

मंत्री ने कहा, “अक्टूबर 2022 और जनवरी 2023 के बीच पराली के मामलों में 48 प्रतिशत की कमी आई है. राज्य में पराली के मामले 6800 से घटकर 3800 पर आ गए, जबकि पंजाब में ये आंकड़ा 50 हज़ार से अधिक रहा था.”

दलाल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल की निश्चित कीमत पर पराली खरीद रही है.

उन्होंने कहा, “किसान के पास फसल बोने के लिए समय कम होता है. उसे धान काटते ही गेहूं बोना होता है, लेकिन पराली को उचित मूल्य पर अगर सरकार खरीद लेगी तो किसान इसे नहीं जलाएंगे.”


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मंडियां, मछली और बाजरा

जेपी दलाल ने बताया कि हरियाणा में मंडियों का इंफ्रास्टक्चर देश में सबसे बेहतरीन है. कहनूर में 550 एकड़ में “सबसे बड़ी मंडी” बनने जा रही है, जिसमें अकेले हरियाणा सरकार का टेंडर ढाई से 3 हज़ार करोड़ का है. इस मंडी से 40-50 हज़ार करोड़ रुपये के टर्नऑवर का टारगेट रखा गया है. कृषि के पौने दो लाख करोड़ रुपये के बजट का 25 प्रतिशत कारोबार हम मंडी से कमाएंगे.

दलाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पिछले पांच वर्षों में अपने वार्षिक बजट में कृषि के लिए आवंटन में बजट में पांच गुना वृद्धि की है. “वित्त वर्ष 2013-14 में, बजट 800 करोड़ रुपये था और इस साल, इसे 6,200 करोड़ रुपये में रखा गया है. सिंचाई बजट में भी 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.”

मंत्री ने कहा कि बीते वर्ष बारिश जुलाई के स्थान पर सितंबर में बारिश बंद हुई, जिस कारण किसान बिजाई नहीं कर पाए. इस उद्देश्य के लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग के लिए 1,200 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई. राज्य सरकार का लक्ष्य है कि किसान के खेत में पानी तीन दिन से अधिक न रूके.

हरियाणा सरकार ने हाल ही में गन्ने पर 10 रुपये रेट बढ़ाए हैं, लेकिन किसानों की मांग है कि गन्ना 420 रुपये क्विंवटल खरीदा जाए, इस पर मंत्री ने कहा कि गेहूं और बाजरे दोनों के किसान चाहते हैं कि भाव बढ़ने चाहिए, लेकिन सभी को खुश नहीं किया जा सकता.

कृषि मंत्री ने दावा किया, “हरियाणा में गन्ने की पैमेंट पूरे देश में सबसे बेहतर है. बीते 8-10 साल से राज्य के किसानों को गन्ने का सबसे ज्यादा भाव दिया जाता है. हालांकि, इस साल पंजाब ने 8 रुपये अधिक दिए हैं. हां, सरकार गन्ना किसानों की मांग सुन सकती है, लेकिन इस समय सेम के किसानों पर ध्यान देना ज़रूरी है. बजट को व्यापक करना सरकार का प्रमुख कार्य है. राज्य में गन्ना किसानों के लिए मिलों की कैपेसिटी बढ़ाई और मोनेटाइजेशन किया गया है. एथनॉल के प्लांट लगाए गए हैं.”

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पॉन्ड अथॉरिटी बनाई है, उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “आम जनता को मालूम नहीं होगा, लेकिन राज्य में सोलिड वॉटर बॉडी नहीं होने के बावजूद, 2,500 करोड़ रुपये की मत्स्य पालन यहां किया जाता है.”

मंत्री ने ब्रैकश-वाटर प्रॉन संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की पहल के बारे में भी बताया, “देश में खारे पानी में पैदा होने वाला झींगा हमने राज्य में पैदा करके दिखा दिया. इसके लिए एक हज़ार किसानों को ट्रेनिंग दी गई. आगामी दो से तीन साल में हमारा लक्ष्य ऐसे दस हज़ार किसान तैयार करने का है.”

गेहूं के बजाय मिलेट पर जोर देने से अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचेगा या नुकसान इस सवाल पर कृषि मंत्री ने कहा कि सभी चीज़ों की अपनी एक अलग जगह है. दक्षिणी हरियाणा के जिले नारनौल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद आदि की रेतीली ज़मीन पर बाजरा उगाया जाता है.

मंत्री ने कहा, “पीएम मोदी ने दूरगामी दृष्टि दिखाते हुए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव कराया, इसलिए 2023 को मिलेट इयर के रूप में मनाया जा रहा है. चूंकि अमेरिका और कनाडा जैसे बर्फीले देशों में बाजरा का उत्पादन नहीं किया जाता है, इसलिए वे उन्हें भारत से आयात कर रहे हैं. वर्तमान में, बाजरा की कीमत गेहूं से अधिक है. गेहूं का एमएसपी लगभग 2,100 रुपये है और बाजरा 2,350 रुपये है.”

उन्होंने ये भी बताया कि हरियाणा सरकार ने बाजरे के प्रोत्साहन के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिए किसानों के खाते में पैसे भिजवाए हैं. किसान के बगैर अपनी फसल को मंडी में लाए प्रति क्विंटल पर 600 रुपये का भुगतान किया गया, जिसने भी बोया है उसके खाते में 600 रुपये प्रति क्विंटल डाल दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि अगर यूरोपीय देश इसका आयात करेंगे तो इससे किसानों को जबरदस्त फायदा पहुंचेगा. इसमें कोई दो राय नहीं इसका एमएसपी 5000 रुपये पार कर सकता है.

‘हमारी गौ भगत की सरकार है’

इस साल जनवरी में कर्नल म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन द्वारा संचालित एक गौशला (गाय शेल्टर) में कथित तौर पर ज़हर देकर 45 गायों की हत्या को “दुर्भाग्यपूर्ण” करार देते हुए, दलाल ने कहा कि उन्हें संदेह है कि, “यह कांड अपराधियों ने मरी हुई गायों के व्यापार के लिए किया था. पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है और इस तरह के कांड करने वालों पर कानून अपना काम कर रहा है.”

कृषि मंत्री जिन्हें जेपी साहब कहा जाता है, ने कहा, “हमारी सरकार गौभत की सरकार है. राज्य में गौसंर्वद्धन कानून भी है. राज्य में 650 गौशालाएं स्थापित की गई हैं, जिनमें कम से कम साढ़े 5 लाख मवेशी मौजूद हैं. ”

जुनैद और नासिर की हत्याओं के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र के किसी भी संबंध को खारिज करते हुए, दलाल का कहना है कि इस मामले का लोहारू से कोई लेना -देना नहीं है क्योंकि न तो मृतक और न तो आरोपी वहां के हैं. उन्होंने कहा, “ये घटना मेरे क्षेत्र की नहीं है. न तो हत्यारे और न ही मृतक मेरे क्षेत्र के हैं. कांड कहीं और करके हमें बदनाम करने की साजिश की गई. इन घटनाओं पर कानून को सख्त से सख्त सज़ा देनी चाहिए.” उन्होंने कहा, जुनैद और नासिर, राजस्थान के निवासियों को कथित तौर पर गाय द्वारा हरियाणा में अपहरण कर लिया गया और उन्हें मार डाला गया.


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‘कांग्रेस एक डूबता जहाज है’

एमएसपी के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वामिनाथन फॉर्मूले को खत्म करने के कांग्रेस सरकार के वादे पर जेपी दलाल ने कहा कि कांग्रेस का काम झूठ बोलना है.

उन्होंने इस पर एक कहावत सुनाते हुए कहा, “किसान की गाय खो जाने पर वो भगवान से प्रार्थना करता है कि एक बार गाय मिल जाए, फिर सारा दूध अर्पित कर दूंगा. किसान का बेटा पूछता है जब सब दान दे दोगे तो खाओगे क्या, इस पर किसान कहता है कि गाय मिलने दो भगवान को भी देख लेंगे.” कांग्रेस की वही मानसिकता है. कांग्रेस कुछ भी करने को तैयार है.

कृषि मंत्री ने समझाया, “हरियाणा में ज़मीन का भाव 75 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक है. सी-2 फॉर्मूला के तहत एमएसपी में ज़मीन का भाव भी जोड़ा जाता है. एक करोड़ की फसल पर 10 लाख भाव और फिर उसमें प्रोफिट इतना पैसा सरकार कहां से लाएगी. कांग्रेस 100 फीसद झूठी है और अव्यवहारिक बात कर रही है.”

एमएसपी की गणना के लिए ए2+एफएल फॉर्मूला एक फसल की खेती में परिवार के श्रम के अनुमानित मूल्य के अलावा उत्पादन की वास्तविक लागत पर विचार करता है। हालांकि, C2 फॉर्मूले में अतिरिक्त खर्च शामिल हैं, जैसे भूमि पर अनुमानित किराया और पूंजीगत ब्याज, जिससे उत्पादन की लागत अधिक हो जाती है.

उन्होंने कहा, “कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज है जो सत्ता के लिए कुछ भी करना चाहती है. यही काम आम आदमी पार्टी का भी है. नारे लफ्फाजी करके सत्ता में आओ और बाद में वादों से मुकर जाओ. ”

जेपी दलाल ने कहा कि स्वामिनाथन जी ने तो कहा भी है कि भाजपा ने हमारे फॉर्मूले को लागू किया है और कांग्रेस सरकार ने अपने समय में इसे ठंडे बस्ते में डाला हुआ था. तब नहीं किया आज कहते हैं सी-2 को लागू करेंगे.

आगामी साल में राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर जेपी दलाल ने कहा कि भाजपा की नीति है कि हमेशा चुनावी मोड में रहती है, “हम सेवा करते हैं और उसी का परिणाम है कि लोग आशीर्वाद देते रहते हैं.”

उन्होंने कहा, “गरीब कल्याण की सभी योजनाओं पर सीएम से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ता जुटे रहते हैं.राज्य में कोई ऐसा घर नहीं जिसे सीध फायदा न पहुंचा हो. परिवार पहचान पत्र के जरिए सरकार ने सालाना 1 लाख 80 हज़ार से कम आमदनी वाले 29 लाख परिवार चिन्हित किए हैं, जिनके उत्थान के लिए सरकार को काम करना है.”

(इस इंटरव्यू को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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