नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के 36,571 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,23,58,829 पर पहुंच गयी जबकि इस बीमारी से उबरने वाले लोगों की दर 97.54 प्रतिशत हो गयी जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार को सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 540 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 4,33,589 पर पहुंच गयी. उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 3,63,605 हो गयी जो 150 दिनों में सबसे कम है तथा संक्रमण के कुल मामलों का 1.12 प्रतिशत है जो मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है.
आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटों में कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 524 की कमी आयी है. कोविड-19 का पता लगाने के लिए बृहस्पतिवार को 18,86,271 नमूनों की जांच की गयी और इसी के साथ ही अब तक जांच किए गए नमूनों की संख्या 50,26,99,702 पर पहुंच गयी है.
संक्रमण की दैनिक दर 1.94 प्रतिशत दर्ज की गयी. पिछले 25 दिनों में यह तीन प्रतिशत से कम है. साप्ताहिक संक्रमण दर 1.93 प्रतिशत दर्ज की गयी. पिछले 56 दिनों से यह तीन प्रतिशत से कम है. इस बीमारी से उबरने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 3,15,61,635 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है.
भारत में कोविड-19 मामलों का आंकड़ा सात अगस्त, 2020 को 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख को पार कर गया था. यह 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख को पार कर गया था. इसने 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार किया था. देश में संक्रमण के मामलों की संख्या चार मई को दो करोड़ और 23 जून को तीन करोड़ के आंकड़े को पार कर गई थी.
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को सुबह तक देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत कोविड-19 रोधी टीके की 57.22 करोड़ खुराक दी गयी है. देश में जिन 540 और लोगों ने जान गंवाई है उनमें से 197 की मौत केरल में और 154 की महाराष्ट्र में हुई.
इस महामारी से अब तक कुल 4,33,589 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से सबसे अधिक 1,35,567 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 37,088 की कर्नाटक में, 34,639 की तमिलनाडु में, 25,079 की दिल्ली में, 22,789 की उत्तर प्रदेश में, 19,246 की केरल में और 18,337 लोगों की मौत पश्चिम बंगाल में हुई.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 70 प्रतिशत से अधिक लोगों की मौत मरीजों के अन्य बीमारियों से पीड़ित होने के कारण हुईं. मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “हमारे आंकड़ों का भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है.