नई दिल्ली : गुजरात में हुए 2002 के गोधरा दंगों पर आधारित बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में बुधवार को प्रदर्शन के लिए हिरासत में लिए गए 13 छात्रों को छोड़ दिया गया है. पुलिस के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार को गणतंत्र दिवस समारोह के बाद इन छात्रों को छोड़ दिया गया.
गौरतलब है कि बीबीसी ने ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो भाग में एक नयी श्रृंखला (सीरीज) तैयार की है. बीबीसी का दावा है कि यह सीरीज गुजरात में 2002 में हुए दंगों के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल करती है. गुजरात दंगे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने दो भागों वाले इस वृत्तचित्र को ‘दुष्प्रचार का एक हिस्सा’ करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है.
भारत ने बीबीसी के वृत्तचित्र ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ का लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को 21 जनवरी को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं.
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कई ऐसे छात्रों को हिरासत में लिया था जो बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र को दिखाने की घोषणा के बाद प्रस्तावित स्क्रीनिंग से कई घंटे पहले स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के चार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था, जिसका विरोध करने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर में एकत्र हुए थे.
एसएफआई ने दावा किया था कि पुलिस ने बुधवार को हिरासत में लिए गए अधिकतर छात्रों को रिहा कर दिया है, लेकिन 13 छात्र अब भी पुलिस की हिरासत में हैं.
वृत्तचित्र दिखाए जाने की घोषणा एसएफआई ने बुधवार को की थी.
एसएफआई ने आरोप लगाया कि हिरासत में लिए गए इन 13 में से चार छात्र- एसएफआई जामिया इकाई के सचिव अजीज, एसएफआई दक्षिण दिल्ली क्षेत्र उपाध्यक्ष निवेद्य और एसएफआई इकाइयों के सदस्य अभिराम एवं तेजस हैं. उसने कहा कि चारों छात्रों को बुधवार को सुबह हिरासत में लिया गया था और वे सभी जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र हैं.
एसएफआई दिल्ली समिति के सचिव प्रीतीश मेनन ने कहा, ‘चार छात्रों को बुधवार को सुबह हिरासत में लिया गया था. उन्हें हिरासत में लिए हुए 24 घंटे से अधिक हो गए हैं. बाकी को बाद में शाम को हिरासत में लिया गया था.’
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