(प्रबीर सिल)
आमबासा (त्रिपुरा), 22 अप्रैल (भाषा) त्रिपुरा के राजनीतिक दल टिपरा मोथा के अध्यक्ष बिजॉय कुमार ह्रांगखॉल ने सोमवार को कहा कि केंद्र की ओर से जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) को सीधे वित्तपोषण और उसे अधिक अधिकार देना केंद्र और राज्य सरकार के साथ पार्टी द्वारा किए गए त्रिपक्षीय समझौते के प्रमुख मुद्दे हैं।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2023 के बाद मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरे टिपरा मोथा ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ कई दौर की चर्चा के बाद मार्च 2023 में केंद्र और राज्य सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ दिनों बाद, टिपरा मोथा त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गई।
ह्रांगखॉल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद को केंद्र द्वारा सीधा वित्तपोषण और स्वायत्त जिला परिषद का सशक्तीकरण केंद्र के साथ हुए समझौते के प्रमुख बिंदुओं में से एक है।”
उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा स्वायत्त परिषद को सीधे वित्तपोषण राजनीतिक दलों की पुरानी मांग है।
ह्रांगखॉल ने कहा, “हम चाहते हैं कि जनजातीय परिषद के पास अपना पुलिस संगठन हो जिसका नेतृत्व अतिरिक्त डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) या आईजीपी (पुलिस महानिरीक्षक) रैंक के अधिकारी करें और भूमि अधिकार हों ताकि टीटीएएडीसी सशक्तीकरण प्रक्रिया के तहत लोगों को पट्टे जारी कर सके।”
उन्होंने कहा कि टिपरा मोथा इस बात पर जोर देगी कि केंद्र त्रिपक्षीय समझौते को लागू करने के लिए लोकसभा चुनाव के बाद एक संयुक्त कार्य समूह की घोषणा करे।
यह पूछे जाने पर कि टिपरा मोथा ने भाजपा को सहयोगी के रूप में क्यों चुना, 81 वर्षीय ह्रांगखॉल ने कहा, ‘हमारा मानना है कि सिर्फ केंद्र सरकार ही हमारी समस्या – मूल लोगों के अधिकारों के लिए संवैधानिक गारंटी – का समाधान कर सकती है। चूंकि भाजपा दिल्ली और राज्य में सत्ता में है, वे हमारी समस्या का समाधान कर सकते हैं। डबल इंजन सरकार ने भी टिपरा मोथा को अपनी ओर खींचा।”
भाषा नोमान अविनाश
अविनाश
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