scorecardresearch
Thursday, 25 April, 2024
होमHoaXposedमुस्लिम व्यक्ति नहीं करने जा रहा था बम ब्लास्ट, पाकिस्तान में स्मगलिंग की है तस्वीर

मुस्लिम व्यक्ति नहीं करने जा रहा था बम ब्लास्ट, पाकिस्तान में स्मगलिंग की है तस्वीर

एक मुस्लिम व्यक्ति की फोटो भ्रामक कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर खूब धूम मचा रही है और झूठा दावा यह किया जा रहा है कि व्यक्ति बम ब्लास्ट करने चला था.

Text Size:

नई दिल्ली: एक मुस्लिम व्यक्ति की फोटो भ्रामक कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर खूब धूम मचा रही है और झूठा दावा यह किया जा रहा है कि यह व्यक्ति बम ब्लास्ट करने चला था.

वायरल हुई इस तस्वीर में कथित तौर पर भारतीय सेना की कस्टडी में एक व्यक्ति को दिखाया गया है, जिसकी छाती पर पीले रंग के पैकेट लगे हुए हैं, जिनको बम बताया जा रहा है.

मंगलवार को फेसबुक यूज़र संजय चौधरी ने एक फोटो शेयर की.

चौधरी द्वारा डाली गई इस तस्वीर को 6300 से भी ज़्यादा लोगों ने शेयर किया और इसे 1300 से भी ज़्यादा फेसबुक रियेक्ट प्राप्त हो चुके हैं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उसी दिन राजपुताना राइफल्स नाम के एक ट्विटर हैंडल ने भी इस फोटो को वही कैप्शन कॉपी पेस्ट करके ट्वीट किया. उनके इस ट्वीट को 43 रीट्वीट प्राप्त हो चुके हैं.

खैर न तो यह व्यक्ति एक सुसाइड बॉम्बर है और न ही इसे भारतीय सेना ने पकड़ा, धर-दबोचा है.

दरअसल, यह फोटो पाकिस्तान का है जब उनकी सेना ने तोरखम बॉर्डर से आ रहे एक व्यक्ति को पकड़ा था, जो अफ़ग़ानिस्तान से हशीश की तस्करी कर रहा था. उसकी छाती पर लगे हुए पीले पैकेट्स कोई बम्ब नहीं, बल्कि हशीश के थे. आपको बता दें कि पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच का तोरखम बॉर्डर ड्रग्स की तस्करी के लिए बदनाम है.

27 दिसंबर 2014 को यह तस्वीर पाकिस्तानी पत्रकार सफ़दर द्वार ने ट्वीट की थी.

फोटो में दिख रहे सैनिक की तस्वीर से लगता है कि यह तस्वीर पाकिस्तान की ही है.

ऐसा पहली बार नहीं

भारत में तो यह तस्वीर अब वायरल हो रही है, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है कि इस तस्वीर ने पहली बार लोगों में कहर बरपाया हो.

जनवरी 2016 में फेसबुक के एक पेज सीरिया ट्रुथ्स ने इसी फोटो को शेयर किया था और यह दावा किया कि यह व्यक्ति आईएसआईएस का आतंकी था और साथ ही साथ यह भी कहा गया कि यह व्यक्ति इसलिए भी बम ब्लास्ट करने चला था, क्योंकि उसे पैगम्बर संग डिनर करने जाना था. इस झूठ का पर्दाफाश उसी साल एक मलेशियाई न्यूज़ पोर्टल दि रोजक पॉट ने किया था

SM Hoaxslayer के सहयोग के साथ

share & View comments