नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को आप सरकार को 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित करने की अनुमति प्रदान कर दी. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोनावायरस के मामले काफी बढ़ रहे हैं.
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया जिसमें 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने के सरकार के फैसले पर एकल न्यायाधीश के अंतरिम आदेश को चुनौती दी गयी है.
उच्च न्यायालय ने एकल न्यायाधीश द्वारा लगायी गयी रोक को हटा लिया और मामले को एकल पीठ के समक्ष 26 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया. उस समय तक 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करेंगे.
उच्च न्यायालय दिल्ली सरकार की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें अनुरोध किया गया है कि कोरोनावायरस के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर कम से कम 15 दिनों के लिए 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड कोविड-19 मरीजों की खातिर आरक्षित करने का उसे अधिकार हो.
दिल्ली में बुधवार को कोरोनावायरस के 8,593 नए मामले सामने आए जो किसी एक दिन का सर्वाधिक स्तर है. नगर में संक्रमण के 4.59 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 7,228 मरीजों की मौत हो चुकी है.
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